India News Haryana (इंडिया न्यूज), Shambhu Border: सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति और किसान नेताओं के बीच शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर सोमवार को हुई बैठक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी। किसान नेता अपनी मांगों पर अड़े रहे और दिल्ली कूच का फैसला बरकरार रखा, जिससे शंभू बॉर्डर खोलने की स्थिति फिलहाल बनी नहीं दिख रही। पंजाब और हरियाणा की सीमा पर स्थित इस बॉर्डर को किसान आंदोलन के चलते बंद किया गया था, जिससे हरियाणा और पंजाब के व्यापारियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट की समिति के सदस्य, जिसमें न्यायमूर्ति नवाब सिंह, पूर्व आईपीएस अधिकारी पीएस संधू और अन्य कृषि विशेषज्ञ शामिल थे, उन्होंने भाग लिया। पंजाब और हरियाणा सरकारों के मुख्य सचिव, डीजीपी, और अन्य उच्चाधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे। लेकिन आंदोलन का नेतृत्व करने वाले प्रमुख किसान नेता, सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल, बैठक में शामिल नहीं हुए। वे लगातार प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए बैठक में अपनी प्रतिनिधियों को ही भेजने पर अड़े रहे।
बैठक में किसानों ने अपनी 12 मुख्य मांगें समिति के समक्ष रखीं। इन मांगों में प्रमुख रूप से फसलों के लिए एमएसपी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करना, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में न्याय, बिजली मीटर कानून में बदलाव और मृतक किसान शुभकरण के मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच करवाना शामिल है। किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक उनकी ये सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
बैठक के बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी जातीं तो वे लोकसभा सत्र के दौरान भूख हड़ताल शुरू करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि शंभू बॉर्डर खोला जाता है, तो किसान दिल्ली कूच करने के लिए तैयार हैं और उनकी ट्रैक्टर रैली से किसी को भी रोकना संभव नहीं होगा।
तीन बार बुलावे के बाद बैठक में पहुंचे किसान नेताओं ने यह साफ किया कि 13 फरवरी को उनका जो रुख था, वही अब भी कायम है। शंभू बॉर्डर पर उनका धरना जारी रहेगा, और वे अपनी 12 मांगों पर अड़े हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट की समिति ने उनकी बातों को सुना है, और उम्मीद है कि समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जाएगा। किसान नेताओं ने संकेत दिया है कि जल्द ही संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति तय की जाएगी, ताकि केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा सके।