India News Haryana (इंडिया न्यूज), Shamsher Singh Gogi : हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद अभी तक भी कांग्रेस पार्टी में एक-दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी चल रही है। कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने बड़ा बयान देते हुए कह दिया कि पार्टी को अब चले हुए कारतूस को संदूक में बंद कर देना चाहिए और नए लोगो को पार्टी में मौका देना चाहिए।
वहीं शमशेर सिह गोगी यहां तक ही नहीं रुके, उन्होंने अपनी ही पार्टी के विधायक इंदुराज नरवाल पर भी निशाना साधा। मालूम रहे कि बीते दिनों करनाल में जब कांग्रेस विधायक इंदुराज नरवाल से पूछा गया कि आप ही की पार्टी के पूर्व विधायक हार का ठीकरा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा पर फोड़ रहे हैं, तब इंदुराज ने पूर्व विधायक शेमशर सिह गोगी पर कटाक्ष किया था और कहा था- छाछ तो बोले छन्नी भी बोले, इस पर अब पूर्व विधायक गोगी ने इंदुराज पर तगड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा इंदुराज नरवाल मेरा छोटा भाई पता नहीं किसे खुश करने के लिए उसने ऐसा बयान दिया है। उसे छाछ और छन्नी में फर्क नहीं पता, अगर अपनी आत्मा से पूछेगा तो छन्नी के पास तो वो खड़ा ही था।
गोगी ने पुन: कहा पार्टी को जो नुकसान करता वो कितना भी बड़ा आदमी क्यों ना हो, उसे पीछे हटा देना चाहिए और अब जिस हालत में हम पहुंच गए हैं, मेरा पार्टी को सुझाव है कि चले हुए कारतूसों को संदूक में बंद कर नए लोगों को मौका दे देना ही बेहतर है। जो लोग पार्टी के संगठन को गांव-गांव में पहुंचा सकते हैं, ऐसे लोगों को मौका देना चाहिए। मालूम रहे कि पूर्व मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने भी बीते दिनों कहा था कि अगर संगठन होता तो पार्टी के हालात ये नहीं होते, जिस पर गोगी ने कहा कि हम तो हार के अगले दिन से ही कह रहे हैं चौधरी साहब ने अब कहा है उसका भी स्वागत करते हैं।
गोगी ने कहा कि बिना फ़ौज के जनरल अकेला क्या करेगा, फोर्स होनी चाहिए और लड़ाई लड़ने की क्षमता का अधिकार भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब किसी लीडर की आपस में बैठकर चर्चा ही नहीं होती, मीटिंग नही होती, आपस में बोलचाल तक नहीं होती तो फिर पार्टी कैसे जीतेगी। उन्होंने कहा कि लोगों तक जाने की किसी ने कोशिश तक नहीं की।
वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और पार्टी प्रभारी दीपक बावरिया को भी अपने बयान से लपेटते हुए गोगी ने कहा कि दोनों अलग-अलग बयान दे रहे हैं। इससे पता लगता है कि दोनों का कितना आपसी तालमेल है। फिलहाल कांग्रेस की हार के बाद अभी तक पार्टी में आपसी बयानबाजी लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है।