पवन शर्मा, Haryana (Shiksha Diksha Academic Supervision Program) : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षा की गुणवता को बेहतरीन बनाने के लिए विभाग की ओर से नया कार्यक्रम शिक्षा दीक्षा शैक्षणिक पर्यवेक्षण शुरू किया गया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों का स्तर सुधारना है। इसके लिए बाकायदा पूरे प्रदेश में 100 अधिकारियों की टीम गठित की गई है।
टीम का प्रत्येक सदस्य एक स्कूल में पहुंचकर सुबह से लेकर सायं तक निरीक्षण करेगा। इसके बाद अधिकारी अपनी रिपोर्ट आला अधिकारियों तक पहुंचाएगा। अगर स्कूल का प्रदर्शन अच्छा है तो उसे प्रोत्साहित किया जाएगा और अगर कोई कमी है तो उसको सुधारने के लिए निर्देश भी दिए जाएंगे।
विभाग की योजना को सिरे चढ़ाने के लिए आलाधिकारी जुटे हुए हैं। खुद एसीएस महाबीर सिंह (ACS Mahabir Singh) व निदेशक डॉ. अंशज सिंह (Dr. Anshaj Singh) स्कूलों में पहुंचकर सारा दिन उनका मुआयना कर रहे हैं। निदेशक अंशज सिंह ने महेंद्रगढ़ के एक स्कूल में बाकायदा प्रार्थना शुरू होने से लेकर कक्षा में छात्रों के साथ बैठकर अध्यापकों की कार्यशैली देखी और इसके बाद आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस अभियान के तहत स्कूलों में बाकायदा एक माह पहले पढ़ाए गए पाठ्यक्रम से प्रश्न पूछे जा रहे हैं। स्कूल मुखिया के कार्यालय में बैठकर स्कूल के सभी अभिलेखों का पूरा ब्यौरा प्राप्त किया जाएगा तथा स्कूल मुखिया से साथ पूरे प्रांगण का दौरा कर निरीक्षण होगा। कक्षा में अध्यापक किस प्रकार छात्रों को पढ़ा रहा है उसका भी ध्यान रखा जाएगा। अगर उसके अध्यापन में किसी प्रकार की कमी है तो उसको कक्षा के बाद बताया जाएगा कि वह अपनी अध्यापन में किस तरह बदलाव करे।
विभाग के इस अभियान के बाद माना जा रहा है कि प्रदेश के स्कूलों में दी जा रही शिक्षा में बदलाव आ सकता है। योजना से न केवल विद्यार्थियों को लाभ होगा, बल्कि विभाग को स्कूलों में आने वाली समस्याओं का भी पता चल सकेगा। अधिकारी अध्यापकों व स्कूल प्रबंधन समिति से भी रू-ब-रू होंगे जिससे जहां स्कूलों में सुधार की गुंजाइश होगी वहां पर योजनाओं को लागू किया ज सकेगा।
स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अंशज सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल व शिक्षा मंत्री के निर्देश पर प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने का विशेष प्रयास किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यही है कि हरियाणा को पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में एक नंबर पर लाना है और यह योजना कारगर भी साबित हो रही है। आज प्रदेश के स्कूलों की हालत देश में सबसे बेहतरीन है। इसके बाद भी जहां कोई कमी नजर आती है तो उसको दुरुस्त किया जा रहा है।
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