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छोटी कशी में महादेव का गंगोत्री के जल से अभिषेक

• LAST UPDATED : March 11, 2021

भिवानी/रवि जांगरा

कोरोना महामारी के चलते पिछले साल मंदिरों के बंद होने के कारण श्रद्धालुओं ने शिवरात्रि का पर्व शिवालयों में मनाने की वजह घरों में ही मनाया था, लेकिन इस महाशिवरात्रि के पर्व को लोग श्रद्धाभाव से मंदिरों में मना रहे हैं। बता दें छोटी कशी कहे जाने वाले भिवानी में लोगों ने शिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया, हनुमान जोहड़ी मंदिर धाम स्थित शिवालय में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया गया।

शिव भक्तों ने गंगाजल,बेलपत्र और जलाभिषेक कर भगवान शिव की आराधना की है, गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के बाद श्रद्धालुओं में शिवरात्रि पर उत्साह देखने को मिला है। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की आराधना की साथ हीहरिद्वार और गंगोत्री से गंगाजल लेकर पहुंचे कांवड़ियों ने भी भगवान शिव का जल अभिषेक कर स्तुति भी की गई। हालांकि कोविड के चलते इस बार महाशिवरात्रि पर छोटी काशी भिवानी में ज्यादा कावड़ देखने को नहीं मिलीं।

इस बार महाशिवरात्रि के दिन 101वर्ष के बाद विशेष संयोग रहा है, हनुमान जोहड़ी मंदिर धाम के महंत चरण दास महाराज ने कहा कि महाशिवरात्रि का पर्व कोरोना काल के दौरान कुछ उत्साह के साथ देखने को मिला है, उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे व्यवस्था में सुधार में आ रहा हैं, लोग फिर से भक्ति से जुड़ रहे हैंआज भगवान से यही कामना की गई है कि जिस प्रकार समुद्र मंथन के दौरान देवता और दानवों के बीच में भगवान ने अपनी भूमिका निभाई थी, आज भी ऐसा ही समय है दुनिया में कोरोना जैसी महामारी दानव के रूप में पैर पसार रही है, इसलिए भगवान शिव से आराधना है कि देश-दुनिया को कोरोनावायरस से मुक्ति दिलाएं।

महंत दास ने कहा शिवरात्रि भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन है, इस दिन भोलेनाथ के उपासक उनकी पूजा-अर्चना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति करते हैं, हालांकि,  शिव पर्व इस साल और भी ज्यादा खास है, महाशिवरात्रि का पर्व 101 साल बाद शिवयोग, सिद्धियोग और घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग आने से त्योहार का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है।

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