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Shocking Rebirth Story in Rajasthan मौत के 16 साल बाद पुनर्जन्म!

• LAST UPDATED : February 12, 2022

Shocking Rebirth Story in Rajasthan

इंडिया न्यूज, झालावाड़।
Shocking Rebirth Story in Rajasthan भले ही साइंस पुनर्जन्म की बातों को विश्वास नहीं करती। लेकिन कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जिसके सामने विज्ञान भी बोना नजर आया है। ऐसे ही मामले की बात हम कर रहे हैं जिसमें एक पुनर्जन्म की घटना झालावाड़ (Jhalawar) के खजूरी गांव से सामने आई। यहां एक परिवार के बेटे मोहित (3) ने अपना नाम तोरण बताया और मौत का कारण भी बताने लगा, पहले तो परिजन उसकी बातों को अनसुना करते रहे, लेकिन जब बात सत्य साबित हुई तो वे भी हक्के-बक्के रह गए। क्षेत्र के लोगों में भी बच्चे का दावा कौतुहल का विषय बन गया।

ये बोला बच्चे का पिता

मोहित के पिता औंकार लाल मेहर ने बताया कि मोहित जन्म से ही ट्रैक्टर की आवाज सुनकर कांप जाता था और डर के कारण ऊंची-ऊंची आवाज में रोने लग जाता था। उस समय वह बोल नहीं पाता था। लेकिन अब जब वह थोड़ा बड़ा हुआ तो अपने आप को तोरण (पूर्वजन्म का नाम) बताने लगा। पड़ताल करने पर पता चला कि आज से लगभग 16 साल पहले मनोहर थाना क्षेत्र के ही कोलूखेड़ी कला में एक घटना घटी। यहां रोड निर्माण के दौरान मजदूरी करने गए खजूरी निवासी तोरण धाकड़ (25) पुत्र कल्याण सिंह धाकड़ की ट्रैक्टर के नीचे दबने से मौत हो गई थी।

पूर्वजन्म के परिजनों और रिश्तेदारों को भी पहचाना

तोरण के माता-पिता मकान बेचकर मध्यप्रदेश के जिला गुना के शंकरपुरा गांव (जामनेर) में रहने लग गए थे। तोरण की एक बुआ नथिया बाई धाकड़ खजूरी में ही रहती है। बुआ को तोरण ने तुरंत पहचान लिया। वहीं तोरण के माता-पिता को सूचना मिली तो वे भी उसके पास पहुंचं तो 3 साल के बच्चे ने उन्हें भी पहचान लिया।

3 वर्ष पहले किया था तर्पण

तोरण के पिता कल्याण सिंह ने बताया कि बेटे की मौत के बाद अभी कुछ वर्ष पहले ही श्री गयाजी में उसका विधि-विधान से तर्पण किया गया था। आज उससे मिलकर ऐसा लग रहा है जैसे उसका बेटा तोरण फिर से मिल गया हो। बता दें कि फिलहाल विज्ञान की चुनौतियों के बीच पुनर्जन्म की यह घटना राजस्थान के जिला झालावाड़ में काफी चर्चा का विषय बनी हुई है।

विशेषज्ञों का ये है मानना

इस बारे में झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कृष्ण मुरारी लोधा का साफ कहना है कि इंसान की मौत के बाद उसका ब्रेन डेड हो जाता है। मेमोरी की बात की जाए तो यह कभी भी एक शरीर से दूसरे में ट्रांसफर नहीं हो सकती। विज्ञान के युग में पुनर्जन्म जैसी बातें बेमानी हैं।

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