इशिका ठाकुर, India News (इंडिया न्यूज़), Shri Karneshwar Mahadev Temple, करनाल : करनाल हाईवे पर स्थित संगमरमर से बने विशालकाय श्री कर्णेश्वर महादेव मंदिर की भव्यता जहां लोगों के दिलों को छूती है, वहीं यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना है। मंदिर का इतिहास दानवीर कर्ण से जुड़ा हुआ बताया जाता है। मंदिर में स्थापित पंचमुखी शिवलिंग भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं।
मंदिर के पंडितों के अनुसार भगवान शिव के कान में मुराद मांगने की प्रार्थना करने पर मनोकामना पूरी होती है। मंदिर में विश्व कल्याण के लिए रोजाना शाम को विशेष ढंग से आरती की जाती है। मंदिर में जहां शिव दरबार विराजमान है, वहीं भगवान गणेश, हनुमान, दुर्गा, राधाकृष्ण और रामदरबार के अलग मंदिर हैं। इसके अलावा मंदिर प्रांगण में उत्तर-पूर्व दिशा में सात्विक मां काली का स्वरूप स्थापित है।
सेक्टर-7 स्थित श्री कर्णेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण सन 1984 में करवाया गया था। मंदिर में स्थित पंचमुखी शिवलिंग की मान्यता दूर-दूर तक है। आसपास के किसी भी मंदिर में पंचमुखी शिवलिंग नहीं है। मंदिर का भवन व इसमें बनाए गए भव्य द्वार लोगों को आकर्षित करते हैं। करीब 3 एकड़ में फैले इस शिव मंदिर में पानी में तैर रहा पत्थर देखने के लिए दूर दराज से भी श्रद्धालु आते हैं। सावन के महीने में मंदिर में भगवान शिव की पूजा आराधना करने से शिव भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान महादेव उनके सारे कष्ट दूर कर देते हैं।
मंदिर के पुजारी श्रष्टी बल्लभ पांडे का कहना है कि मन कितने ही दुखों से क्यों न घिरा हो, लेकिन मंदिर में आते ही असीम शांति का अनुभव होता है। मंदिर में पूरा साल सुबह व शाम को आरती होती है। जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इसके अलावा हर मंगलवार को विशेष पूजा श्री कर्णेश्वर महादेव मंदिर में की जाती है। उन्होंने कहा कि श्री कर्णेश्वर महादेव मंदिर में मांगी गई हर मन्नत जरूर पूरी होती है। श्रद्धालुओं को शिवरात्रि के दिन यहां जलाभिषेक कर पुण्य का भागी बनना चाहिए। भोलेनाथ के दरबार से कभी कोई खाली हाथ नहीं जाता।
पुजारी ने यह भी जानकारी दी कि भोलेनाथ के प्रिय भक्तों को सावन के महीने में भगवान शंकर की पूजा से कई गुना लाभ होता है। इस बार 15 जुलाई को शिवरात्रि रही जो बेहद पुण्य देने वाली थी। सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। सावन के महीने में भोलेनाथ का पंचाभिषेक करें। अभिषेक में महादेव को जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल, गन्ना रस आदि से स्नान कराया जाता है। अभिषेक के बाद बेलपत्र, समीपत्र, दूब, कुशा, धतूरा के पत्ते, कमल, नीलकमल, ऑक मदार, जंवाफूल कनेर, राई फूल आदि से शिवजी को प्रसन्न किया जाता है। इसके साथ ही भोग के रूप में धतूरा, भांग और श्रीफल महादेव को चढ़ाया जाता है।
यह भी पढ़ें : Pahari Mata Temple Loharu : 400 फुट ऊंचाई पर है पहाड़ी माता देवी का मंदिर, आस्था का है केंद्र
यह भी पढ़ें : Maa Brahmari Devi Temple Barwala : 400 साल पुराने इस मंदिर में जलती है अखंड ज्योति, विदेशों तक है आस्था
हरियाणा में बीजेपी की जीत के बाद से ही हरियाणा का एक अलग ही माहौल…
जब से हरियाणा में एक बार फिर से बीजेपी ने जीत दर्ज की है। तब…
नया साल आने से पहले ही हरियाणा के मौसम के मिजाज बदलते हुए नजर आ…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), World Meditation Day : ब्रह्माकुमारीज एवं हरियाणा योग आयोग कुरुक्षेत्र के…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), UHBVN : हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने पानीपत में…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), CM Nayab Saini : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने…