होम / सांकेतिक भाषा अब सबकी भाषा…जानिए क्यों

सांकेतिक भाषा अब सबकी भाषा…जानिए क्यों

• LAST UPDATED : September 3, 2021

गुरुग्राम / दीपक शर्मा

 गुरुग्राम पहुंचे राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय निशक्तजन कल्याण केन्द्र का अवलोकन किया। दत्तात्रेय ने नई राष्ट्रीय  शिक्षा निती में स्थानीय भाषा के अलावा, सांकेतिक भाषा को सिखने और सिखाने पर बल दिया। राज्यपाल ने गुरुग्राम के मिक- बधिर निशक्तजन कल्याण केन्द्र में दो परियोजनाओं का उद्घाटन तथा एक का शिलान्यास किया।

 

हरियाणा के राज्यपाल  बंडारू दत्तात्रेय शुक्रवार को गुरुग्राम पंहुचे। राज्यपाल ने श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केन्द्र का अवलोकन किया।  इस दौरान उन्होंने इस केन्द्र में दो परियोजनाओं नामतः बहुउद्देश्यीय हॉल, प्रथम तलीय स्कूल विंग का उद्घाटन किया और ‘नींव आधार भवन‘ का शिलान्यास किया। बहुउद्देश्य हॉल का नाम केन्द्र के संस्थापक डा. बी एन चक्रवर्ती के नाम पर रखा गया है। कल्याण केन्द्र का अवलोकन करने के दौरान उन्होंने डिजीटल साईन लैंग्वेज लैब तथा अर्ली इंटरवेंशन सैंटर का भी निरीक्षण किया।

कार्यक्रम में राज्यपाल हरियाणा ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा के अलावा, सांकेतिक भाषा अर्थात् साइन लैंग्वेज सिखाने व सीखने पर बल दिया गया है। यह सांकेतिक भाषा केवल बधिरों की ही नही बल्कि सभी की भाषा बने। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मूक-बधिर निशक्तजनों में नई उम्मीद जगाई है। उन्होंने आईएसएल अर्थात् इंडियन साइन लैंग्वेज को भाषा के रूप में मान्यता देकर बधिर लोगों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के हितों का ध्यान रखते हुए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं।  कौशल विकास योजना  में प्रशिक्षण देने के साथ साथ माइक्रो लोन स्कीम में लाभ दिलवाया जा रहा है। नौकरियों में भी दिव्यांगजनों को दिए जाने वाले आरक्षण को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया है। दिव्यांगजनों को पेंशन भी दी जा रही है।  उन्होंने बताया कि यह पूरा महीना मूक-बधिर समुदाय के कल्याण के लिए समर्पित है।

एक अनुमान के अनुसार भारत में 50 लाख मूक-बधिर हैं। हरियाणा प्रदेश में इनकी संख्या लगभग एक लाख 15 हजार है।  बधिरों को सुनने की समस्या का सामना करना पड़ता है। उनकी यह समस्या सरकार और हम सब के लिए चुनौती है। इस चुनौती का सामना करने के लिए हम सभी को सामुहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम में डिजीटल साईन लैंग्वेज लैब तथा अर्ली इंटरवेंशन लैब के माध्यम से लोगों को सांकेतिक भाषा से जोड़ने की सराहनीय शुरूआत की गयी है। मूक-बधिर निशक्तजनों को संबोधित करते हुए राज्यपाल  दत्तात्रेय भावुक हो गए। दत्तात्रेय बोले दिव्यांगजनों में भगवान ने कमी छोड़ी है परंतु आप में अद्भुत शक्ति है।