India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana : हरियाणा से दो दिन पहले ही खबर आई थी कि करनाल में सिख समुदाय के लोग भारी मात्रा में जुटेंगे और सम्मलेन का आयोजन करेंगे।जिसके चलते 8 सितंबर को करनाल में सिख सम्मेलन आयोजित किया गया। यह सम्मेलन हरियाणा की राजनीति में सिखों की एकता के लिए आयोजित किया गया था। इस सम्मलेन में ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी ने मंच से सिखों की ताकत बयां की और मंच से कहा कि, सिख समुदाय की दाढ़ी और दस्तार से नफरत करने वालों को याद रखना चाहिए कि अगर ये लंबी दाढ़ी और पगड़ी नहीं होती तो 1947 में पाकिस्तान की सीमा अटारी सीमा नहीं बल्कि दिल्ली होती।
करनाल में सिख सम्मेलन का मकसद एकता को बढ़ावा देना था । हरियाणा की राजनीति में सिखों की एकता के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया।इस दौरान मंच से ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी ने कहा कि सिख समाज की दाढ़ी और दस्तार से नफरत करने वालों को यह याद होना चाहिए कि अगर ये लंबी दाड़ी और पगड़ी न होती तो 1947 में पाकिस्तान की हद अटारी बॉर्डर न होता बल्कि दिल्ली उसकी हद होती।
करनाल की नई अनाज मंडी में आगामी 8 सितंबर को हरियाणा सिख समाज ने सम्मलेन के आयोजन की घोषणा की थी । इस घोषणा में उन्होंने कहा था कि लाखों की संख्या में सिख संगत गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्र छाया में एकत्रित होकर ग़ुरबानी कीर्तन, कथा विचार, दाड़ी वारों और पंथक विचारों को श्रवण करेगी। इस ऐतिहासिक सिख सम्मेलन का उद्देश्य हरियाणा के सिख समाज की एकता, पहचान और अधिकारों को स्थापित करना है।
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उन्होंने कहा था कि सिख समुदाय की एकता और अधिकारों की आवाज़ को बुलंद करने के उद्देश्य से आयोजित इस सम्मेलन में फ्री मेडिकल कैंप और रक्तदान शिविर भी लगाया जाएगा। हरियाणा सिख एकता दल के प्रतिनिधियों ने करनाल की सिख संगत से समागम को सफल बनाने के लिए सहयोग की अपील की है।