हरियाणा के डिप्टी स्पीकर पर हमले के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है, किसान पुलिस के घेरे में आ रहे हैं, बता दें डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा की गाड़ी पर हमले के दौरान पुलिस कर्मी पर गाड़ी चढ़ाकर पुलिस कर्मी को जान से मारने का प्रयास करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा था, जिसमें सिविल लाईन थाना पुलिस ने एक नामजद सहित 90-100 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सरकारी कार्य में बाधा डालने, चोट पहुंचाने, गाड़ी पुलिस कर्मी पर चढ़ाकर जान से मारने की कोशिश करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में 14 जुलाई की शाम को मामला दर्ज किया है, शुक्रवार दोपहर को यह जानकारी डीएसपी आर्यन चैधरी मीडिया को दी।गौरतलब है कि रविवार शाम को डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा का काफिला चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय से बाहर निकल रहा था, इस दौरान किसानों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था, प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों पर पथराव किया, जिसमें डिप्टी स्पीकर की गाड़ी के शीशे टूट गए थे, इस प्रकरण में बीच-बचाव कर रहे पुलिस कर्मी भी घायल हो गए।
इसी दौरान एएसआई प्रेम कुमार के कार्य में बांधते हुए एक गाड़ी उसपर चढ़ा दी गई, हादसे में ASI घायल हो गये और उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, इसके बाद घायल पुलिस कर्मी की शिकायत पर सिविल लाईन थाना पुलिस ने कंवलप्रीत सहित 90-100 अन्य किसानों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, मामले की जांच की जिम्मेदारी एसआई ओमप्रकाश को सौंपी गई है।शुक्रवार दोपहर मीडिया को जानकारी देते हुए डीएसपी आर्यन चैधरी ने बताया कि घायल पुलिस कर्मी की शिकायत पर एक नामजद सहित अन्य किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा, कि सरकार किसान आंदोलन को कमजोर करने के लिए इस तरह के षड़यंत्र रच रही है, इसी कड़ी के एक के बाद एक मामले किसानों पर दर्ज किए जा रहे हैं, रविवार को हुए प्रकरण मामले में पुलिस ने अब एक और एफआईआर दर्ज की है, उन्होंने कहा कि किसान एसे मामलों से डरने वाले नहीं हैं, कृषि कानून रद्द नहीं होने तक लगातार आंदोलन जारी रहेगा।