India News (इंडिया न्यूज), Sirsa CDLU University Girl Students Sexual Exploitation Case, चंडीगढ़ : हरियाणा के जिला सिरसा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी (CDLU) में प्रोफेसर के छात्राओं के यौन शोषण के बाद पुलिस हरकत में आ गई है। जी हां, यूनिवर्सिटी के एक विभाग की 500 छात्राओं की गुमनाम चिट्ठी सामने आई है, जिसके बाद सिरसा की एसीपी दीप्ति गर्ग टीम सहित यूनिवर्सिटी पहुंचीं जहां वे छात्राओं और आरोपी प्रोफेसर से पूछताछ कर रही हैं।
इससे पहले गुरुवार देर शाम को पुलिस यहां आई थी। हालांकि मैनेजमेंट की तरफ से पुलिस को कहा गया कि हॉस्टल शाम 7 बजे ही बंद हो चुका है, जिसके बाद पुलिस को लौटा दिया गया। सिरसा के एसपी विक्रांत भूषण ने मीडिया से कहा कि गुमनाम चिट्ठी के जरिए शिकायत आई है, उसके बारे में जांच की जा रही है। वहीं गुमनाम चिट्ठी को लेकर अब यूनिवर्सिटी में लगातार चर्चाएं हो रही हैं।
बता दें कि गुरुवार को एक गुमनाम चिट्ठी में दावा किया गया था कि यूनिवर्सिटी के एक विभाग की 500 छात्राएं प्रोफेसर की अश्लील हरकतों से तंग हैं। यह चिट्ठी हरियाणा के मुख्यमंत्री, गवर्नर, गृह मंत्री, चांसलर और राष्ट्रीय महिला आयोग को भेजने की बात कही गई थी।
1. चिट्ठी में साफ लिखा है कि प्रोफेसर कई महीने से गंदी व अश्लील हरकतें करते हैं। वह सभी को अति चरित्रवान व्यक्ति होने का झूठा दिखावा करते हैं जबकि सच्चाई कुछ और है। हम लड़कियों को अलग-अलग अकेले में अपने ऑफिस के बाथरूम में बुलाया हमसे बैड टच करता है। जब हमने इसका विरोध किया तो धमकी देते हुए कहा कि यदि कहीं पर कोई भी शिकायत की तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा।
2. चिट्ठी में आगे लिखा गया कि उक्त प्रोफेसर को हटाएं। प्रोफेसर लड़कियों को धमकाता है कि तुम्हारे सारे सबूत नष्ट कर दिए और अब तुम कुछ नहीं बिगाड़ सकती। हम सभी पीड़ित छात्राएं लंबे समय से मानसिक उत्पीड़न का शिकार हैं तथा इस व्यक्ति ने अपने कार्यालय की CCTV फुटेज में अश्लील हरकतों की वीडियो डिलीट करा रखी हैं।
3. हम सब लड़कियां अपना नाम व मोबाइल नंबर लिखने में असमर्थ हैं, क्योंकि हमारे परिवार वालों की इज्जत का प्रश्न है। प्रोफेसर हम सभी पीड़ित छात्राओं को विश्वविद्यालय से निकालने की धमकी देता है। पेपर के समय नंबर बढ़ाने व प्रैक्टिकल में अच्छे नंबर लगवाने का अक्सर लालच देता है। प्रोफेसर बहुत अधिक राजनीतिक प्रभाव व रसूख वाला है। इसलिए हमसभी ने एकजुट होकर ही यह गुमनाम चिट्ठी लिखी है।
इस मामले में वाइस चांसलर प्रो. अजमेर सिंह मलिक से बातचीत की गई तो उन्होंने गुमनाम चिट्ठी और उसमें लगाए आरोपों को लेकर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं जिस प्रोफेसर पर आरोप लगाए गए, उसका कहना था कि ये सब आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। मैं इस मामले में चांसलर से मिलकर बात करूंगा।
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार आरके बंसल ने कहा कि हमें गुमनाम चिट्ठी मिली है। इसमें लगाए आरोप गंभीर हैं, इसकी गंभीरता से जांच कराई जाएगी।
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