India News Haryana (इंडिया न्यूज), Smart India Hackathon : 11 दिसंबर को स्मार्ट इंडिया का शुभारंभ होगा। देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान वर्चुअली माध्यम से उद्घाटन करेंगे। इसके अगले दिन हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा पानीपत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलोजी (पाइट) में छात्र-छात्राओं से मुलाकात करेंगे। उनके प्रोजेक्ट पर चर्चा करेंगे। 15 दिसंबर को परिणाम घोषित होगा। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (एसआइएच) में देश के अलग-अलग राज्यों से 30 टीमें आ रही हैं। प्रत्येक टीम में छह सदस्य और दो संरक्षक हैं।
पाइट के वाइस चेयरमैन राकेश तायल ने बताया कि समस्याओं के समाधान के साथ ही आगे बढ़ा जा सकता है। नवाचार से ही जीवन को सुगम बनाया जा सकता है। इसी सोच के साथ शुरू हुआ स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में एक बार फिर से पूरे देश के युवा एकजुट होने जा रहे हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समस्याओं पर छात्र-छात्राओं की टीम अपने समाधान देंगी। प्रोजेक्ट बनाएंगी। हरियाणा को जल संरक्षण का मुद्दा दिया गया है, पानीपत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलोजी (पाइट) को लगातार चौथी पर नोडल सेंटर बनाया गया है।
पाइट के सचिव सुरेश तायल ने बताया कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (एसआइएच) का 7वां संस्करण 11 दिसंबर, 2024 को देशभर के 51 केंद्रों पर शुरू होगा। इसका उद्देश्य छात्रों को दैनिक जीवन में आने वाली कुछ गंभीर समस्याओं को हल करने के लिए मंच प्रदान करके उत्पाद नवाचार और समस्या-समाधान मानसिकता की संस्कृति को विकसित करना है। पिछले संस्करणों की तरह, छात्र दल मंत्रालयों/विभागों/उद्योगों द्वारा दिए गए समस्या सुझावों पर काम करेंगे या 17 विषयों में से किसी पर भी छात्र नवाचार श्रेणी में अपना विचार प्रस्तुत करेंगे।
एसआइएच 2024 के लिए 54 मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों और उद्योगों द्वारा 250 से अधिक समस्याओं के बारे में विचार प्रस्तुत किए गए हैं। इस वर्ष संस्थान स्तर पर आंतरिक हैकथॉन में 240 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है, जो 2023 में 900 से बढ़कर 2024 में 2247 से अधिक हो गई है, जिससे यह अब तक का सबसे बड़ा संस्करण है।
संस्थान स्तर पर एसआइएच 2024 में 86,000 से अधिक टीमों ने भाग लिया है और लगभग 49,000 छात्र टीमों को राष्ट्रीय स्तर के चरण के लिए इन संस्थानों द्वारा अनुशंसित किया गया है। पहचान की गई चुनौतियों और उनके समाधान में स्वास्थ्य सेवा, आपूर्ति श्रृंखला और रसद, स्मार्ट प्रौद्योगिकी, विरासत और संस्कृति, स्थिरता, शिक्षा और कौशल विकास, जल, कृषि और खाद्य, उभरती हुई प्रौद्योगिकी और आपदा प्रबंधन शामिल हैं।
एसआइएच ने भारत के नवाचार परिदृश्य को गहराई से प्रभावित किया है। छात्रों और पेशेवरों को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त बनाया है। इस सफलता को सुनिश्चित करने वाला महत्वपूर्ण तत्व एसआइएच पूर्व छात्र नेटवर्क है। इस नेटवर्क के पोर्टल (https://alumni.mic.gov.in/) पर परिवर्तनकारी परिणामों को दर्शाने वाली सफलता की कहानियां उपलब्ध हैं। एसआइएच पूर्व छात्रों द्वारा कई मजबूत सामाजिक आयाम वाले स्टार्टअप सहित आज तक 100 से अधिक स्टार्टअप स्थापित किए जा चुके हैं।