इशिका ठाकुर, India News Haryana (इंडिया न्यूज), Karnal Paddy Procurement : हरियाणा में धान खरीद का सीजन चल रहा है। करनाल में तीन एजेंसियों के द्वारा धान की खरीद की जा रही है, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। हालांकि शुरुआती समय में किसानों को धान बेचने के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। लेकिन जैसे-जैसे खरीद एजेंसी के द्वारा व्यवस्था दुरुस्त की गई वैसे-वैसे किसानों की धान खरीदने में परेशानियां कम होती गईं।
जिला डीएफएससी अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि करनाल में तीन एजेंसी के द्वारा धान की सरकारी खरीद की जा रही है। किसानों की धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 2320 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी जा रही है। लेकिन वह किसानों से कहना चाहते हैं कि वह अपनी धान अनाज मंडी में तब लेकर आएं जब वह अच्छे से सूख जाती है और पककर तैयार हो जाती है, ताकि उनको अनाज मंडी में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
उन्होंने बताया कि किसानों की उनके पास कई शिकायतें आई थीं जिसमें पाया गया था कि उनकी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा गया जिसके ऊपर संज्ञान लिया गया है। वह अब भी किसान भाईयों से कहना चाहते हैं कि अगर ऐसा कहीं पर कोई मामला होता है जहां पर उनकी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जाता तथा उसकी शिकायत दें। उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी, ताकि सभी किसानों की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा सके।
जिला डीएफएससी अधिकारी ने बताया पिछले वर्ष करनाल में 983168 मैट्रिक तीन एजेंसियों के द्वारा खरीद की गई थी। लेकिन इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सीजन में पूरे जिले में तीनों एजेंटीयों के द्वारा 10 लाख मैट्रिक टन से ज्यादा खरीद की जाएगी। जो पिछले वर्ष की अपेक्षा ज्यादा रहेगी।
करनाल में 15 खरीद केंद्र बनाए गए हैं जहां पर 250 राइस मिलर को धान खरीदने के बाद भेजा जा रहा है। दोनों एजेंसी का और सरकार का करनाल में 250 राइस मिलर्स के साथ अनुबंध हुआ है। वह धान खरीदकर सेलर तक पहुंचाते हैं। उसके बाद नियम अनुसार वह सरकार को उसका चावल निकाल कर देते हैं।
उन्होंने बताया कि अभी तक जिले में 618663 मेट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है, जिसमें से 390919 मीट्रिक टन धान का उठान अनाज मंडी से हो चुका है और 27744 मेट्रिक टन धान का अभी उठान बाकी है, जिसके लिए काम चल रहा है।
उन्होंने बताया कि जिस किसान की फसल की खरीद की जाती है, उसको 72 घंटे के अंदर उसके धान के पैसे उसके खाते में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। शुरुआती दिनों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि राइस मिलों की हड़ताल चल रही थी। लेकिन कुछ दिन से व्यवस्था ठीक है और समय अनुसार किसानों को उनकी फसल का भुगतान किया जा रहा है।