सोनीपत में भारी बारिश के बीच जनरल इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन और सीटू ने मिलकर मिल्टन साइकिल कंपनी के खिलाफ मिनी सचिवालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया है। मिल्टन साइकिल कंपनी द्वारा ढाई सौ से ज्यादा मजदूर निकाले जाने और 4 महीने का वेतन ना मिलने के कारण जमकर प्रदर्शन किया।
सोनीपत में मिल्टन कंपनी में 250 से ज्यादा मजदूरों को मिल्टन कंपनी द्वारा गैरकानूनी ढंग से कंपनी पर तालाबंदी करके मजदूरों को बाहर करने का आरोप है। वहीं आरोप ये भी है कि 4 महीने से मजदूरों का वेतन भी नहीं दिया गया है। जिला उपायुक्त को कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कई बार ज्ञापन दिया जा चुका है और श्रम विभाग में भी कई बार तारीख लग चुकी हैं। उन्होंने कहा कि ढाई सौ मजदूरों का अप्रैल माह का 22% ही वेतन उनके खातों में आज डाला गया है। जबकि पूरा वेतन अभी तक नहीं दिया गया। वही आनंद शर्मा प्रधान सीटू ने कहा कि प्रशासन के कहने पर मजदूरों ने मिल्टन कंपनी के गेट को खाली किया था।वही उन्होंने यह भी कहा कि मिल्टन कंपनी के मालिक दवारा मजदूरों को यह आश्वासन दिया गया था कि कंपनी में तैयार साइकल के स्टॉक को बेचकर जो पैसा आएगा उसे मजदूरों की सैलरी दी जाएगी। वही मिल्टन मालिक पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मिल्टन मालिक मजदूरों की सैलरी देने की बजाय सारा पैसा डकार गया है। वहीं उन्होंने कहा कि आज अलग-अलग विभाग के कार्यालय पर वे पहुंचे हैं और शहर के बारिश में हालात इतने बदतर है कि गहरे पानी के बीच प्रोटेस्ट करते हुए प्रशासन से न्याय की मांग करने के लिए पहुंचे हैं.. लेकिन मजदूरों की तनख्वाह की तरफ कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है..
हर बार आश्वासन पर आश्वासन मिलता है। जानकारी के मुताबिक के 250 मजदूरों को निकाल दिया गया है वही मांग की है कि जिला प्रशासन मजदूर लीडर फैक्ट्री मालिक श्रम विभाग को एक साथ बिठाकर मजदूरों की सैलरी दिलवाले को लेकर मध्यस्थता करवाएं। वही काफी प्रवासी मजदूर मिल्टन कंपनी में लंबे समय से एक काम कर रहे थे। अब उनको निकाल दिया गया है तो उनके सामने रोजी रोटी और रहने के लिए समस्या उत्पन्न हो गई है। क्योंकि मकान मालिक उन्हें किराया ना देने के कारण घरों से निकाल रहे हैं ।उनके बच्चों की फीस स्कूलों में जमा ना होने के कारण स्कूलों से उनके बच्चों का नाम काट दिया गया है।
पिछला पैसा दिया न जाने के कारण राशन दुकानदारों ने भी राशन देना बंद कर दिया है वहीं जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि मजदूरों के सामने इस प्रकार की स्थिति पैदा हो गई है कि आने वाले समय में मजदूर भूख और गरीबी से मरेंगे तो उसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि मिल्टन कंपनी के मजदूरों के साथ अगर न्याय नहीं हुआ और उनको उनका वेतन नहीं दिया गया तो सर्व कर्मचारी संघ के जिला के नेता और सदस्य मिल्टन वर्कर्स के साथ मिलकर प्रोटेस्ट करेगी और आंदोलन को तेज करने की बात कही है।
वही सुरेंद्र सिंह मिल्टन साइकिल वर्कर यूनियन के प्रधान ने कहा कंपनी ने मजदूरों का जमकर शोषण किए हुआ है पिछले 1 साल से कंपनी सभी मजदूरों को आधी सैलरी दे रही थी और अब 4 महीने के वेतन में से अप्रैल माह का 22% वेतन ही उनके खातों में ट्रांसफर किया गया है। जोकि प्रत्येक मजदूर को 2500 रुपए ही दिए गए हैं।