प्रवीण वालिया, India News Haryana (इंडिया न्यूज), Speaker Harvinder Kalyan : हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने आज कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। निदेशक व फैकल्टी प्रमुखों के साथ बैठक कर संस्थान की कार्यप्रणाली और कमियों की जानकारी ली। उन्होंने बिना ठोस कारण मरीजों को रेफर करने और रोगियों के प्रति डॉक्टरों के उपेक्षापूर्ण व्यवहार पर नाराजगी जताई। साथ ही डॉक्टरों से अनुरोध किया कि उपलब्ध संसाधनों को बेहतर इस्तेमाल कर संस्थान को आगे बढ़ायें।
कल्याण ने कैजुअल्टी वार्ड में मरीजों से बातचीत कर मुहैया कराई जा रही चिकित्सा सेवाओं की जानकारी ली। उन्होंने तीन महीने में संस्थान में पहुंचे और रेफर किये गये मरीजों का ब्यौरा मांगा। एक डॉक्टर का स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिये।
विधानसभा अध्यक्ष ने आज कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक ब्लाक में संस्थान के निदेशक एमके गर्ग और फैकल्टी प्रमुखों के साथ बैठक की। इसमें उपायुक्त उत्तम सिंह, करनाल के विधायक जगमोहन आनंद, असंध के विधायक योगेंद्र राणा भी मौजूद रहे। निदेशक ने पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से जनप्रतिनिधियों को संस्थान की कार्यप्रणाली, भावी योजनाओं और समस्याओं से अवगत कराया। कल्याण ने इस मौके पर कहा कि संस्थान के बारे में आज उन्हें पहली बार विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई है। खाली पदों को भरने, नये उपकरण खरीदने, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने, कानूनी सहायता प्रदान करने आदि ऐसे विषय हैं जिन पर नीतिगत फैसला राज्य सरकार को लेना है।
उन्होंने कहा कि जिम्मेदारियों के साथ चुनौतियां भी बढ़ती हैं, लेकिन इनका सामना करते हुए आगे बढ़ना है। काम का बोझ सभी जगह है, इसके बावजूद कमियों से पार पाना है। सरकार ने संस्थान पर करोड़ों रुपये खर्च किये हैं। उन्होंने निदेशक को मरम्मत के लिये योजना बनाने के निर्देश दिये। डॉक्टरों से कहा कि वे टीम के रूप में बेहतर कार्य करें, ताकि मरीजों को भी फायदा हो और संस्थान की छवि भी खराब न हो। संस्थान के रुतबे को बरकरार रखना सबकी जिम्मेदारी है।
कल्याण ने निदेशक से 3 महीने में संस्थान में पहुंचे और रेफर किये गये मरीजों का ब्यौरा मांगा। यह बताने के भी निर्देश दिये कि मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध बड़ी मशीनों/उपकरणों का कितना इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इन पर लाखों रुपये खर्च किये हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अक्सर लोग उन्हें बेवजह मरीज को रेफर करने की शिकायत करते हैं। बिना ठोस कारण के मरीज को रेफर नहीं किया जाना चाहिये। इस समय यह एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को आपात स्थिति में पहुंचे मरीज और रेफर किये जाने तक की अवधि में किये गये उपचार के ब्यौरे का उल्लेख भी करना चाहिये। सुविधाओं को पूरा इस्तेमाल करना डाक्टरों की नैतिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने संस्थान निदेशक से यह जानकारी भी प्रस्तुत करने को कहा कि विगत तीन माह में कितने आयुष्मान कार्ड धारक इलाज के लिये पहुंचे। कितनों को रेफर किया गया और कितनों का यहां सफल इलाज किया गया। कल्याण ने कहा कि आयुष्मान कार्ड धारकों को भी रेफर करने की शिकायत मिली है, भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिये।
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स्पीकर ने संस्थान में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश भी दिये, ताकि बेहतर संपर्क स्थापित हो सके। विधायक जगमोहन आनंद ने कहा कि अक्सर डाक्टर उनके फोन नहीं उठाते। इस पर स्पीकर ने निदेशक को यह सुनिश्चित करने को कहा कि भविष्य में नोडल अधिकारी जनप्रतिनिधियों के फोन जरूर उठायें।
उन्होंने कहा कि लोग डॉक्टरों को भगवान के रूप में देखते हैं। समाज में उनका सम्मानजनक स्थान है। मरीजों के प्रति उनका व्यवहार मधुर होना चाहिये। जन सेवा की जिम्मेदारी किस्मत वालों को मिलती है। चाहे जितना काम का बोझ हो, व्यवहार ऐसा हो जिससे कि समाज में अच्छा संदेश पहुंचे और मरीज पर भी अच्छा असर पड़े।
बैठक के बाद स्पीकर व दोनों विधायक कैजुअल्टी वार्ड पहुंचे और मरीजों से बातचीत की। वार्ड में दाखिल रेखा(सालवन) ने बताया कि वह कल रात अस्पताल पहुंची। डाक्टर ने आज उन्हें रेफर करने के लिए कह दिया। इस पर स्पीकर ने निदेशक को वार्ड में शिफ्ट करने के निर्देश दिये। मरीज गजानंद शर्मा की शिकायत पर उन्हें भी वार्ड में शिफ्ट करने के निर्देश दिये।
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पानीपत का हषित नामक मरीज अपने नाना के साथ अस्पताल में इलाज के लिये पहुंचा। मरीज के नाना ने स्पीकर को कहा कि यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही। डॉक्टर ने रेफर करने के लिए कह दिया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने डॉक्टर अरुण का स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश संस्थान निदेशक को दिये।
वहीं निदेशक ने स्पीकर से डॉक्टरों की कमी पूरी करने के साथ-साथ नये चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने व इंजीनियरिंग विंग की स्थापना की मांग की। उन्होंने कहा कि विंग स्थापित होने से बिजली-पानी जैसी समस्याओं का आसानी से निपटारा हो सके। इस समय इन कार्यों का बोझ भी उन पर है। उन्होंने स्पीकर को उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करने का भरोसा दिलाया।