भिवानी/रवि जांगडा
आरएसएस(RSS) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा, कि भारत माता मंदिर का निर्माण न केवल मात्र कोई भवन या ईमारत खड़ा होना है, बल्कि इससे मानवता का निर्माण होगा. इस मंदिर से छोटी काशी को नई पहचान मिलेगी. यह भारत माता मंदिर समाज में व्याप्त ऊंच-नीच के भेदभाव को समाप्त करने का काम करेगा।
इन्द्रेश कुमार ने गांव देवसर मोड़ पर भारत माता मंदिर के निर्माण पर आयोजित संकल्प यज्ञ में आहुति डाली, और अपना संदेश दिया. उन्होंने कहा कि जहां पर मंदिर होता है, वहां पर किसी भी प्रकार का भेदभाव अपने आप ही समाप्त हो जाता है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण भी छूआछूत को समाप्त करने और नारी जाति के मुक्ति का संदेश देना वाला है. साथ ही मां और अपनी जन्म भूमि का कर्ज कभी चुकाया नहीं जा सकता है।
उसका भी संवाहक रहेगा भारत माता मंदिर. उन्होंने कहा कि मंदिर सर्व समाज को जोडऩे का काम करता है, भारतीय संस्कृति सबसे पुरानी और सबसे समृद्ध है और इसको जीवंत रखना जरूरी है. उन्होंने कहा कि भारत सदियों से अन्य देशों के लिए मार्ग दर्शक रहा है. यहां की संस्कृति इतनी विशाल है कि इसको कोई भी ताकत छिन्न-भिन्न नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि हमें अपने राष्ट्र के निर्माण के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
इस दौरान उन्होनें कार्यक्रम में मौजूद सभी गणमान्य लोगों से जरूरतमंदों की मदद करने और पानी की बचत करने का संकल्प भी दिलाया. उन्होंने कहा कि भारत माता मंदिर इतना भव्य होगा कि, यहां से त्याग स्वरूपी नारी शक्ति, वीर सपूत, जीवन मूल्यों के प्रति प्रेरणा मिलेगी. यहां अनूठे सुकून की अनुभूति होगी. यहां पर एक प्रेक्षा विहार होगा, जहां पर लाईट एंड साऊंड सिस्टम भी होगा, जिसमें प्रर्दशनी दिखाई जा सकेगी।
उपायुक्त ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए. हमारी प्राचीन संस्कृति ही हमारी पहचान है. भारत माता मंदिर जैसी चीजें ही हमारे मूलसिद्धांतों को जीवित कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि हमें समाज को सही दिशा देनी होगी, जिसमें हर वर्ग का योगदान जरूरी है।