अनुरेखा लांबरा, पानीपत।
State Level Education Conclave Lakshya-2022 Organized by India News Haryana देश के नंबर वन चैनल इंडिया न्यूज (हरियाणा) द्वारा पानीपत स्थित एमजेआर बैंक्वेट में प्रदेश स्तरीय एजुकेशन कॉन्क्लेव लक्ष्य-2022 का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षा सम्बन्धी विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यक्रम के तहत गुरुकुल परम्परा से मौजूदा शिक्षा नीति तक, स्कूली शिक्षा में असमानता अभी है, प्राचीन शिक्षा वर्सेस आधुनिक शिक्षा, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत, स्कूल एजुकेशन से लेकर हायर एजुकेशन तक, शिक्षा के बाद रोजगार की चुनौतियां कैसे कम होंगी? शिक्षा में खेलों का महत्व, शिक्षा को व्यापार क्यों? शिक्षा सरकार और फ्यूचर प्लान, आदि विषयों पर आयोजित करीब नौ सत्रों में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद महंत बाबा बालक नाथ, जगबीर चेयरमैन एचबीएससी, डॉ. गुरुदयाल वाइस चांसलर, डीआर कंबोज वीसी, आरके इनायत वीसी, आरके मित्तल वीसी, संस्काराम स्कूल के चेयरमैन महिपाल, शो के होस्ट सुंदर सोलंकी, अतुल प्रताप, राज वर्मा व अन्य अतिथिगणों द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया।
उल्लेखनीय है नई शिक्षा नीति 2020, भारत की नई शिक्षा नीति है जो 5+3+3+4 पैटर्न पर आधारित है। जिसे भारत सरकार ने 29 जुलाई 2020 को घोषित की है।1986 में जारी हुई नई शिक्षा नीति के बाद भारत की शिक्षा नीति में यह पहला नया संशोधन है। भारत में कुल 34 वर्षों के बाद शिक्षा नीति में बदलाव करके नई शिक्षा नीति 2020 तैयार किया गया है। उसमें भी अभी केवल शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार किया गया है, इसे लागू करने में कई वर्ष लग सकते हैं। यह शिक्षा नीति अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है। अब इस नई शिक्षा नीति का आगामी पीढ़ी पर नकारात्मक प्रभाव रहेगा या सकारात्मक और आखिर क्यों पड़ी नई शिक्षा नीति की जरूरत व नई शिक्षा नीति को लागू करने के बाद सामने आने वाली चुनौतियां क्या रहेंगी। अभिभावकों शिक्षकों के बच्चों के मन में उठ रहे इन्हीं सवालों को स्पष्ट करने के लिए इंडिया न्यूज द्वारा एक बड़े स्तर पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर (Education Minister Kanwarpal Gurjar) ने कहा कि नई शिक्षा नीति को कुछ नेताओं, कुछ मंत्रियों या कुछ ही शिक्षकों द्वारा विचार-विमर्श करके ही नहीं फाइनल किया गया, अपितु इसमें बहुत से लोगों के विचार लिए गए हैं। सांसद, एमएलए, विभिन्न शिक्षाविदों के गांवों के सरपंच, मेंबर गृहिणियों के भी विचार लिए गए हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिन्होंने अंग्रेजी भाषा पर जोर दिया, वह देश पिछड़ गए और जिन्होंने अपनी भाषा पर जोर दिया, वह आगे बढ़ गए। उन्होंने कहा नई शिक्षा नीति के लिए फिलहाल उन्होंने प्रदेशभर के 4000 स्कूलों को चिन्हित किया है। टीचर्स को पूरी तरह से निपुण किया गया है, जिसमें से 1400 स्कूलों में नई शिक्षा नीति के तहत कार्य शुरू हो गया है। इसके साथ ही स्किल एजुकेशन पर भी ध्यान दिया जा रहा है, जिससे कोई भी शिक्षित युवा बेरोजगार नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि देश में हरियाणा की शिक्षा नीति देश में नंबर वन है।
वहीं विधायक महिपाल ढांडा (MLA Mahipal Dhanda) ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ नहीं सकते और सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति होने की वजह से शिक्षा की गुणवत्ता नहीं रही। उन्होंने पुरानी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उस दौर में सरकार ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता एवं सुविधाओं पर ध्यान ही नहीं दिया। इसी के कारण आज सरकारी स्कूलों से विमुख होते जा रहे हैं। वर्तमान सरकार ने शिक्षा प्रणाली में सुधार के साथ-साथ सरकारी स्कूलों के शिक्षा स्तर व सुविधाओं में भी सुधार का प्रयास किया है। शिक्षा के स्तर को बढ़ाया है। विद्यार्थियों की प्रतिभा को पहचाना है और सुपर -100 स्कीम के तहत प्रदेश में दो संस्थान खोले हैं, जिसमें बच्चों को टेस्ट लेकर चयनित किया जाता है। इस स्कीम के तहत 2 वर्षों में करीब 60 बच्चे आईआईटी कुछ बच्चे निट और कुछ बच्चे एम्स हॉस्पिटल के लिए चयनित हुए हैं। यह सभी बच्चे सरकारी स्कूलों से पढ़े हुए और गरीब परिवारों से ही संबंधित है।
कार्यक्रम में सांसद बाबा बालक नाथ ने कहा कि प्राचीन शिक्षा पद्धति फिर से प्रारंभ करने की जरूरत है क्योंकि पहले आश्रम से शिक्षा, सेवा, परमार्थ के कार्य व राष्ट्रभक्ति के संस्कार बच्चों में भरे जाते थे। उन्होंने कहा गुरुकुल प्राचीन भारत में एक विशेष शिक्षा प्रणाली थी,पहले संस्कृत महाविद्यालय होते थे, जो विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों से जुड़े रखते थे। बीच के समय में शिक्षा प्रणाली अपने रास्ते से भटक गई, जिसके चलते आज वर्तमान सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति लागू करने का निर्णय लिया है। बाबा बालक नाथ जी पूर्व सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा उन्होंने शिक्षा के जरिए पाश्चात्य संस्कृति को भारत में बढ़ावा दिया जिसकी वजह से युवा अपने रास्ते से और लक्ष्य से भटकने लगे। शिक्षा नीति में बदलाव की जरूरत थी और नई शिक्षा नीति आगामी पीढ़ी के लिए बहुत लाभदायक साबित होने वाली है।
वही मीरपुर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जेपी यादव ने कहा कि सरकार ने जो नई शिक्षा नीति लांच की है, इसके बेहद सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। शिक्षा नीति में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए संस्कार सरकार ने साल भर के अंदर करीब डेढ़ सौ मॉडल संस्कृति स्कूल खोले हैं और आगे भी सरकार का लक्ष्य है करीब 500 मॉडल संस्कृति स्कूल और खोले जाएंगे।
पानीपत उपायुक्त सुशील सारवान, एमजीआर सोसाइटी की वाइस चेयरमैन भारतीय सैनी गीता यूनिवर्सिटी पानीपत के वाइस चांसलर डॉ विकास सिंह, प्रो. तंकेश्वर वाइस चांसलर जीजेयू, अजीत श्योराण डिप्टी डायरेक्टर माध्यमिक शिक्षा पंचकूला, सुनील बजाज डिप्टी डायरेक्टर एनसीआरटी, रोहताश वर्मा डीईईओ करनाल, पंकज सक्सेना एसडीवीएम सिटी पानीपत, डीआर कंबोज वीसी, परिमल कुमार डायरेक्टर आईसीएस, डॉ. जगबीर चेयरमैन एचबीएसई, राजवीर सिंह चेयरमैन सरस्वती विद्या विहार स्कूल, महिपाल संस्कारम स्कूल आदि ने भी इस चर्चा में खुलकर अपने विचार रखें। किसी ने सरकार की नई शिक्षा नीति की सराहना की तो कई वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति पर कड़ा प्रहार भी किया।