होम / Hisar BJP MP Brijendra Singh : भाजपा सांसद बृजेंद्र के कांग्रेस का दामन थामने से प्रदेश की सियासत में मची हलचल

Hisar BJP MP Brijendra Singh : भाजपा सांसद बृजेंद्र के कांग्रेस का दामन थामने से प्रदेश की सियासत में मची हलचल

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : March 11, 2024

संबंधित खबरें

  • टिकट न मिलने के संकेत के चलते छोड़ दी भाजपा, कांग्रेस में हिसार या सोनीपत से टिकट की उम्मीद bjp

  • कांग्रेस को भी मिलेगा फायदा, बीरेंद्र सिंह के कांग्रेस में आने पर कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति पर भी सबकी नजर 

डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज़), Hisar BJP MP Brijendra Singh, चंडीगढ़ : हिसार से भाजपा सांसद व पार्टी दिग्गज चौधरी बीरेंद्र सिंह सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह के इस्तीफे के बाद चुनाव से ऐन पहले हरियाणा की भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी छोड़ने के बाद बृजेंद्र सिंह ने दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन के आवास पर पार्टी की उच्च लीडरशिप की मौजूदगी में कांग्रेस ज्वाइन की। बता दें कि काफी समय से उनके पार्टी में रहने या छोड़ने को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे। उनके पिता-पुत्र दोनों लंबे समय से भाजपा और सहयोगी जजपा से गठबंधन तोड़ने को लेकर दबाव बना रहे थे, लेकिन भाजपा उनके दबाव में नहीं आई। चूंकि अब बृजेंद्र सिंह भाजपा छोड़ चुके हैं तो कहीं न कहीं ये भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि कांग्रेस को इससे काफी मजबूती मिलेगी।

वहीं ये भी बता दें कि बीरेंद्र सिंह ने साल 2014 में कांग्रेस छोड़ी थी और भाजपा ने उनको राज्यसभा सांसद बनाने के बाद केंद्रीय इस्पात मंत्री बनाया था। उनकी पत्नी प्रेमलता को साल 2014 में उचाना से विधायक व बृजेंद्र सिंह को 2019 में सांसद बनाया था। इस लिहाज से अब 10 साल बाद बीरेंद्र सिंह का परिवार कांग्रेस में घर वापसी कर रहा है। बता दें कि बृजेंद्र ने इस्तीफा देने के पीछे पहलवानों, किसानों और अग्नवीरों के मुद्दे पर भाजपा से अपने मतभेदों का हवाला दिया।

टिकट कटने के संकेत मिले तो लिया भाजपा छोड़ने का फैसला, अब कांग्रेस से आस

जानकारी में सामने आया कि बृजेंद्र सिंह को इस बारे में लगातार संकेत व इनपुट मिल रहे थे कि उनको टिकट नहीं मिलेगी और पार्टी हाईकमान उनकी टिकट करीब-करीब काट चुकी है। कहीं न कहीं पहले भी वो और उनके पिता टिकट को लेकर और भाजपा में रहने को लेकर ऊहापोह की स्थिति में थे। इसी के चलते उन्होंने कांग्रेस हाईकमान की तारीफ कर पार्टी में जाने का विकल्प खुला रखा था। चूंकि अब तक सामने आया है कि कांग्रेस में भी उनकी टिकट को लेकर स्थिति कोई स्पष्ट नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि यहां लोकसभा टिकट को लेकर उनको ज्यादा दिक्कत वाली बात नहीं है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि उनको कांग्रेस जाट बाहुल्य हिसार या फिर सोनीपत सीट से चुनावी रण में उतार सकती है।

यह भी पढ़ें : Haryana Politics: भारतीय राजनीति में प्रसिद्ध चेहरा हैं चौधरी बीरेंद्र सिंह, बेटा बृजेंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल

कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति पर नजर, सैलजा ने बधाई दी तो हुड्डा पर सबकी नजर

बेटे बृजेंद्र सिंह की कांग्रेस में ज्वाइनिंग के बाद बीरेंद्र सिंह के परिवार की कांग्रेस में वापसी हो गई है। चूंकि कांग्रेस में पहले ही मुख्य रूप से दो धड़े हैं तो देखना होगा कि हरियाणा कांग्रेस में अब क्या परिस्थितियां और नए समीकरण बनेंगे। बृजेंद्र सिंह के भाजपा छोड़ कांग्रेस ज्वाइन करने पर कुमारी सैलेजा ने उनको बधाई दी। फिलहाल हरियाणा में मुख्य रूप से भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी (एसआरके) खेमा हैं और दोनों गुटों के बीच वर्चस्व की जंग जारी है। ये भी बता दें कि हुड्डा और बीरेंद्र सिंह आपस में रिश्तेदार हैं लेकिन राजनीतिक वर्चस्व की जंग में हुड्डा व बीरेंद्र सिंह में पूर्व में दोनों खींचतान रही है। अब सबकी नजरें हुड्डा पर टिकी हैं कि वो बीरेंद्र सिंह के परिवार की कांग्रेस में वापसी को हुड्डा का क्या रुख रहेगा।

यह भी पढ़ें : Hisar: भाजपा को बड़ा झटका, सांसद बृजेंद्र सिंह का पार्टी से इस्तीफा

जजपा के लिए अब कंपीटिशन कम हुआ लेकिन आगे की राह कठिन

चूंकि अब बीरेंद्र सिंह व बेटे बृजेंद्र सिंह भाजपा को अलविदा कह चुके हैं तो ऐसे में भाजपा की सहयोगी जजपा की राजनीतिक राहें अब आसान हो गई हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अब भाजपा लोकसभा चुनाव में जजपा को हिसार सीट दे सकती है जिसके लिए दुष्यंत लंबे से चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं। हालांकि फिलहाल तक भाजपा और जजपा के गठबंधन को लेकर भी परिदृश्य साफ नहीं है और मामले को लेकर भाजपा हाईकमान की तरफ से अंतिम फैसला लिया जाना है। गठबंधन की स्थिति में बेशक यहां से टिकट जजपा की झोली में आए लेकिन बीरेंद्र सिंह के कांग्रेस में जाने के बाद अब इस सीट पर मुकाबला बेहद कड़ा माना जा रहा है।

अक्टूबर में भाजपा को अल्टीमेटम दिया था जजपा गठबंधन तोड़ने को लेकर

चौधरी बीरेंद्र सिंह व उनके बेटे बृजेंद्र सिंह लंबे समय से भाजपा पर जजपा से राहें जुदा करने और गठबंधन तोड़ने के लिए दबाव बना रहे थे, लेकिन भाजपा ने कोई दबाव नहीं माना। इसके बाद इसी कड़ी में बीरेंद्र सिंह ने 2 अक्टूबर, 2023 में जींद में “मेरी आवाज सुनो” रैली का आयोजन किया था और रैली में उन्होंने ऐलान किया था कि अगर भाजपा ने जजपा के साथ गठबंधन नहीं तोड़ा तो वो पार्टी छोड़ देंगे।

सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह ने अपने पिता के फैसले का समर्थन किया था। चूंकि भाजपा ने जजपा के साथ गठबंधन को बनाए रखा और बीरेंद्र सिंह को कोई ज्यादा तवज्जो नहीं दी और इसके परिणामस्वरूप बीरेंद्र सिंह ने भाजपा को अलविदा कर दिया। बता दें कि उस वक्त बृजेंद्र सिंह ने रैली में मंच से कहा था कि चौधरी साहब जो भी करो, दिल से करना। आपने सोच समझ कर राजनीति 50 साल कर ली, इतना बहुत है। अब मेरे यानी बृजेंद्र सिंह के बारे में यह मत सोचना कि आपके किसी फैसले से मेरा फायदा होगा या नुकसान। आपको जो सही लगे, वो ही करना।

यह भी पढ़ें : Dwarka Expressway Inauguration LIVE : प्रधानमंत्री ने किया द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्घाटन

यह भी पढ़ें : Dwarka Expressway Inauguration LIVE : द्वारका एक्सप्रेसवे से बदलेगा लोगों का जीवन : प्रधानमंत्री

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Panipat Police ने युवाओं के लिए कराई वॉलीबॉल व कबड्डी प्रतियोगिता, जिला के नशा मुक्त 104 गांवों के सरपंचों को किया सम्मानित
Good Governance Day : सुशासन में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला जिला बना ‘कैथल’ सीएम ने डिजिटल सुधारों में अग्रणी विभागों को राज्य एवं जिला स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए
DGP Haryana ने 32 पुलिसकर्मियों को किया सम्मानित, कहा – अधिकारी व कर्मचारी के लिए उसकी कर्मभूमि ही उसका सबसे बड़ा धार्मिक स्थल 
Good Governance Day पर प्रदेश में विभिन्न जगहों पर हुए कार्यक्रम, सुशासन में श्रेष्ठ भूमिका निभाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को किया सम्मानित
Jagadguru Swami Brahmanand के 116वें जन्मोत्सव कार्यक्रम में हरविंद्र कल्याण ने की शिरकत, ब्रह्मानंद को खूबियों का किया बखान
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT