Stone Crusher : सुप्रीम कोर्ट से मिली दादरी व महेंद्रगढ़ के सैकड़ों क्रेशरों को राहत

  • आगामी आदेशों तक एनजीटी द्वारा किए गए जुर्माने पर लगाई रोक

  • एनजीटी ने प्रत्येक क्रेशर पर लगाया है बीस लाख का जुर्माना

  • एनजीटी अब दोबारा करेगा मामले की सुनवाई

इंडिया न्यूज, Haryana (Stone Crusher) : सुप्रीम कोर्ट ने दादरी व महेंद्रगढ़ के सैकड़ों क्रेशर मालिकों को राहत देते हुए एनजीटी को प्रदूषण के मामले में किए गए जूर्माने पर दोबारा से सुनवाई करने के आदेश दिए हैं तथा आगामी फैसले तक जुर्माने पर भी रोक लगा दी है । क्रेशर मालिकों का कहना था कि एनजीटी ने बिना सुनवाई किए ही प्रत्येक क्रेशर पर 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है जोकि गलत है। ऐसे क्रेशरों पर भी जुर्माना लगा दिया गया जो लगभग 10वषों से बंद थे।

मामले की जानकारी देते हुए मानकावास क्रेशर ऐसोशिएशन की ओर से उच्चतम न्यायालय में पेश हुए सीनियर एडवोकेट आरके खन्ना और मोहम्मद फुजेल खान ने बताया कि जनवरी माह में एनजीटी ने पर्यावरण के नियमों की अवहेलना के मामले में दादरी व महेंद्रगढ़ के सभी क्रेशरों पर जुर्माना लगा दिया था। एनजीटी का कहना था कि क्रेशरों पर प्रदूषण को कम करने के लिए जो मानक तया किए गए हैं उनका पालन नहीं हो रहा था।

एनजीटी द्वारा जुर्माना लगाने के बाद क्रेशर मालिक एनजीटी में अपना पक्ष रखने के लिए पेश हुए मगर मालिकों की सुनवाई सही ढंग से एनजीटी ने नहीं की। इसके बाद इस मामले की अपील सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई। न्यायालय को बताया कि उन क्रेशरों पर भी जुर्माना लगा दिया गया है जो पिछले 10 साल से बंद हैं और जनवरी माह में मालिकों द्वारा बंद कर दिए गए थे। मामले में सुनवाई के बाद न्यायालय ने एनजीटी को दोबारा से क्रेशर मालिकों की सुनवाई करने को कहा है और क्रेशरों पर लगाए गए जुर्माने पर रोक लगा दी गई है।

एडवोकेट आरके खन्ना और मोहम्मद फुजेल खान ने बताया अब एनजीटी में दोबारा से सुनवाई होगी। सभी क्रेशर मालिक अपना पक्ष रखेंगे। सभी क्रेशर मालिक नियमों का पालन कर रहे हैं। हमने न्यायालय को अवगत करवाया है कि क्रेशरों पर सभी शर्तों का पालन हो रहा है और क्षेत्र में प्रदूषण कम था। कुछ मामलों में, स्टोन क्रशिंग इकाइयां दस साल पहले से ध्वस्त कर दी गई हैं और उनमें से कुछ का संचालन ही नहीं हुआ है ऐसी इकाइयों पर भी जुर्माना लगा दिया गया है । यहां तक कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा गठित समिति द्वारा अंतिम रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की गई थी और इससे पहले ही आदेश पारित कर दिए। ऐसे में अब एनजीटी द्वारा पारित आदेश के खिलाफ किसी भी स्टोन क्रशर को कोई आपत्ति है, तो वे ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए आदेश में ही आरक्षित स्वतंत्रता के अनुसार एनजीटी से संपर्क कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें : Ram Rahim : डेरामुखी असली या नकली, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

Connect With Us : Twitter, Facebook

Amit Sood

Share
Published by
Amit Sood

Recent Posts

Tohana: टोहाना के एक घर में लगी भीषण आग, लाखों का समान जलकर हुआ राख, मकान मालिक ने सरकार से लगाई गुहार

 हरियाणा में लगातार आगजनी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसे में टोहाना से भी…

1 hour ago

Gurugram: गुरुग्राम में पुलिसकर्मियों पर हुआ हमला, जान से मारने की कोशिश! नशा तस्करों को पकड़ने पहुंची थी टीम

हरियाणा में बढ़ते नशे के मामलों ने अपराध में भी इजाफा कर दिया है। अधिकतर…

2 hours ago

Haryana Weather Update: हरियाणा में बिछी कोहरे की सफेद चादर, ठंड ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, IMD ने दे दी चेतावनी

इन दिनों हरियाणा में हाड़ गला देने वाली ठंड पड़ रही है। जिसके चलते लगातार…

2 hours ago

Faridabad News : ACB ने सुपरिंटेंडिंग अफसर को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Faridabad News : हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की गुरुग्राम टीम…

12 hours ago

Panipat News : पुलिस चौकी के सामने जहर निगलने से युवक की मौत मामले में मुख्य सिपाही व चौकी इंचार्ज सस्पेंड

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Panipat News : पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह आईपीएस ने पानीपत…

12 hours ago