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Subhas Chandra Bose Jayanti मुख्यमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का किया अनावरण

• LAST UPDATED : January 23, 2022

Subhas Chandra Bose Jayanti मुख्यमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का किया अनावरण

इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़ 

Subhas Chandra Bose Jayanti :  देशभर में ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाई जा रही नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज चंडीगढ़ में नेताजी सुभाष चंद्र बोस पार्क में नेताजी जी की प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने युवाओं का आह्वान किया कि वे नेताजी के आदर्शों और बलिदान से प्रेरणा लेते हुए देश की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करें।

देश की आजादी के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था

Subhas Chandra Bose Jayanti

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उन्होंने कहा कि आज का अवसर हमें हमारे देश के आजादी के समय को याद करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है, जब नेताजी और कई अन्य शहीदों ने देश की आजादी के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था।(Subhas Chandra Bose Jayanti) भारी बारिश के बावजूद पराक्रम दिवस का समारोह बड़े धूम-धाम से आयोजित हुआ। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली, विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, अंबाला से सांसद रतन लाल कटारिया और पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल भी मौजूद रहे। इसी तरह के कार्यक्रम आज पूरे हरियाणा में 75 अलग-अलग जगहों पर आयोजित किए जा रहे हैं।

 पराक्रम दिवस’ के जश्न के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह का भी आगाज हो गया

मुख्यमंत्री ने अन्य गणमान्य राजनीतिक व्यक्तियों के साथ सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस पार्क में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। उल्लेखनीय है कि आज ‘पराक्रम दिवस’ के जश्न के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह का भी आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक अद्वितीय नेता थे, जिन्होंने आजाद हिंद फौज का नेतृत्व करके न केवल भारत की धरती पर बल्कि पूरे विश्व में आजादी की मशाल जलाई थी। भारत माता के लिए अपने अद्वितीय संघर्ष के लिए नेताजी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के उस महान युग में, जब देश ब्रिटिश शासन के चंगुल से मुक्त होने के लिए संघर्ष कर रहा था, नेताजी ने अपने आज़ाद हिंद फौज के 50,000 बहादुर जवानों के साथ विदेशी शासन की नींव हिला कर रख दी थी और अंग्रेजों को भारत छोडऩा पड़ा था।

मनोहर लाल ने कहा कि आजाद हिंद फौज और यहां तक कि आजाद हिंद सरकार  का गठन स्वतंत्रता प्राप्त करने के प्रति नेता जी के उत्साह और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नेताजी का भाषण जो उस समय रेडियो पर प्रसारित होता था, विशेष रूप से वह नारा ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ ने निश्चित रूप से युवाओं में देशभक्ति व अदम्य साहस पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

क्रांतिकारी नेता होने के साथ-साथ सुभाष चंद्र बोस संवेदनशील व्यक्तित्व के भी धनी थे

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक क्रांतिकारी नेता होने के साथ-साथ नेजाजी सुभाष चंद्र बोस संवेदनशील व्यक्तित्व के भी धनी थे। नेताजी के स्कूल के किस्से को याद करते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि नेताजी के स्कूल के गेट के बाहर एक भिखारन खड़ी होती थी, जिसके साथ नेताजी अपना आधा भोजन साझा करते थे। उनका यह कार्य निश्चित रूप से इस बात पर प्रकाश डालता है कि नेताजी एक संवेदनशील व दयालु व्यक्तित्व भी थे।

उहोंने कहा कि अपने पिता की इच्छा के अनुसार केवल 23 साल की उम्र में सबसे कठिन परीक्षा भारतीय सिविल सेवा (आईसीएस) पास करने के बावजूद नेताजी ने नौकरी न करके देश की सेवा करने के अपने जुनून को आगे बढ़ाया।(Subhas Chandra Bose Jayanti) मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में पूरा देश अमृत महोत्सव मना रहा है, इसी कड़ी में राज्य में जनभागीदारी के साथ ‘हरियाणा बोलेगा जय हिंद बोस’ के नारे के साथ करीब 495 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं और 1500 ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि देश की सेवा में हरियाणा का योगदान हमेशा राज्य के लिए बहुत गर्व का विषय रहा है। नेताजी की 50,000 आज़ाद हिंद फौज में भी राज्य के युवाओं ने बड़ी संख्या में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। आज के इस अवसर पर उन्होंने उन राज्य सैनिकों को भी नमन किया जो आजाद हिंद फौज का हिस्सा थे।

आज का दिन बहुत अहम : ज्ञान चंद गुप्ता

इससे पूर्व ज्ञान चंद गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन बहुत अहम है, क्योंकि देश में पहले से ही आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और आज हम नेताजी के सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। 1 दिसंबर, 2021 को इस पार्क का उद्घाटन किया गया था और उसी दिन हमने तय किया था कि इस पार्क में नेताजी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि नेताजी एक महान देशभक्त और एक उत्कृष्ट वक्ता थे।(Subhas Chandra Bose Jayanti)  उनका जीवन शुरू से ही भारत माता की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए समर्पित रहा। उन्होंने युवाओं में देशभक्ति की भावना जागृत करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने देश की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने के लिए युवाओं में जन जागरूकता फैलाने के लिए कई देशों का भी दौरा किया।

उन्होंने कहा कि नेताजी स्वामी विवेकानंद के जीवन और शिक्षाओं से बहुत प्रेरित थे और उन्हीं का अनुसरण करते हुए उन्होंने अपना पूरा जीवन देश को ब्रिटिश शासन के चंगुल से मुक्त करने और भारत को ‘पूर्ण स्वराज’ का दर्जा देने के संकल्प के साथ देश की सेवा करने के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि आज के दिन हमें नेताजी के साथ-साथ उन लाखों महान शहीदों को भी याद करना चाहिए जिन्होंने भारत माता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।

विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि आज उनके लिए गर्व का क्षण है कि उनके दादा कैप्टन उमराव सिंह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ आजादी की लड़ाई लड़ी थी। यह हमारा परम कर्तव्य है कि हम नेताजी द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान हेतु उनके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करें । राष्ट्र के युवाओं को नेताजी और स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के जीवन से देशप्रेम और देश सेवा की प्रेरणा लेनी चाहिए।

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