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Supreme Court decision हरियाणा में निजी नौकरियों में 75% आरक्षण पर लगी रोक रद

• LAST UPDATED : February 17, 2022

Supreme Court decision

इंडिया न्यूज, दिल्ली।
Supreme Court decision सुप्रीमकोर्ट ने हरियाणा सरकार (Haryana Government) को गुरुवार को बड़ी राहत दी है। जी हां, कोर्ट ने हरियाणा में स्थानीय उम्मीदवारों के लिए निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75% आरक्षण  (75% reservation in private sector) प्रदान करने पर हरियाणा सरकार के कानून पर रोक लगाने वाले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को रद कर दिया है। सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट को एक माह में ही इस मुद्दे पर फैसला करने को कहा।

हाल ही में 3 फरवरी को लगी थी रोक (Haryana 75% job reservation)

हरियाणा सरकार द्वारा निजी क्षेत्र की नौकरियों में प्रदेश के निवासियों को दिए गए 75% आरक्षण मामले पर अभी हाल ही में 3 फरवरी को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका के बाद रोक लगा दी थी। ज्ञात रहे कि फरीदाबाद इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी कि निजी क्षेत्र में कौशल और योग्यता के अनुसार ही युवा वर्ग का चयन किया जाता है। ऐसे में यादि नियोक्ताओं से ही कर्मचारी को चुनने का अधिकार ले छीना गया तो उद्योग आखिर कैसे आगे बढ़ सकेंगे। हरियाणा का 75 फीसदी आरक्षण का फैसला योग्य लोगों के साथ घोर अपराध होगा है। वहीं यह कानून उन युवा वर्ग के संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा जो अपनी शिक्षा और योग्यता के आधार पर भारत में कहीं भी नौकरी करने को स्वतंत्र हैं।

ये है पूरा मामला

बता दें कि हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों के रोजगार अधिनियम, 2020 को 6 नवंबर, 2021 को अधिसूचित किया गया था। इसके तहत निजी क्षेत्र की 30 हजार रुपए से कम तनख्वाह वाली नौकरियों में स्थानीय उम्मीदवारों को 75% आरक्षण प्रदान करने की बात कही गई है। यह कानून सभी कंपनियों, ट्रस्टों, समितियों, एलएलपी फर्म, साझेदारी फर्मों और 10 या ज्यादा व्यक्तियों को रोजगार देने वाले किसी भी कंपनी पर लागू होता है।

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