India News Haryana (इंडिया न्यूज), Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की शिकायतों को शांतिपूर्वक ढंग से सुलझाने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति नवाब सिंह की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है।
जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने निर्देश दिया कि समिति अपनी पहली बैठक एक सप्ताह के भीतर बुलाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसानों के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए और समिति को इन मामलों पर ध्यान केंद्रित करके विचार करना चाहिए।
अदालत ने यह भी कहा कि किसानों को अपने शांतिपूर्ण प्रदर्शन को वैकल्पिक स्थलों पर स्थानांतरित करने की स्वतंत्रता होगी। हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर राजनीति से बचना चाहिए और इसे समाधान के उद्देश्य से देखा जाना चाहिए। दरअसल, हरियाणा सरकार ने उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उसे अंबाला के पास शंभू सीमा पर लगाए गए बैरिकेड्स हटाने का निर्देश दिया गया था।
यह बैरिकेड्स फरवरी में लगाए गए थे, जब ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ और ‘किसान मजदूर मोर्चा’ ने दिल्ली तक मार्च करने की घोषणा की थी। किसान अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं। 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी होने तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का यह कदम आंदोलन को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से हल करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। कोर्ट का मानना है कि समिति की सिफारिशों के जरिए किसानों की शिकायतों का हल निकाला जा सकता है और दोनों पक्षों के बीच संवाद की स्थिति बनाई जा सकती है। इस पहल का उद्देश्य किसानों के साथ बातचीत कर विवाद को समाप्त करना और स्थायी समाधान खोजना है।