इंडिया न्यूज, काबुल (Taliban Demands to America) : अफगानिस्तान पर वर्तमान में तालिबान का कब्जा है। इन दिनों तालिबानी शासन अधीन अफगानिस्तान की जनता आर्थिक मंदी का सामना कर रही है। दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान ने सत्ता तो हासिल कर ली लेकिन किसी भी बड़े देश ने न तो उसे मान्यता दी और न ही उसके साथ रिश्ते बनाने के लिए दिलचस्पी जाहिर की। इसके चलते अफगानिस्तान में विदेशी पैसा आना लगभग बंद हो गया है।
जिसके चलते वह इस समय तंगहाली में है। ऐसे में अफगानिस्तान की तलिबान सरकार ने अमेरिका से 3.5 अरब डॉलर वापस लौटाने की मांग की है। ताकि उसकी वित्तीय स्थिति थोड़ी सुधर सके। तालिबान ने यह मांग न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट के बुधवार को सुनाए गए फैसले का बाद की है। कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि 9/11 हमले के पीड़ित इन पैसों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
दरअसल, अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद अमेरिका ने अफगान संपत्ति अपने कंट्रोल में ले ली थी। इस दौरान अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने कहा था कि इसका इस्तेमाल वो 9/11 पीड़ितों के परिवारों की मदद में करेंगे। 9/11 हमले के कुछ पीड़ित परिवारों ने तालिबान पर मुकदमा कर दिया था, जिसे वो जीत भी गए थे। ये परिवार इन पैसों से केस के समय लिए गए कर्ज को चुकाना चाहते थे।
हालांकि, न्यूयॉर्क के फेडरल कोर्ट के जज जॉर्ज डेनियल्स ने अपने फैसले में कहा कि कोर्ट के पास अफगानिस्तान सेंट्रल बैंक के पैसे को जब्त करने का अधिकार नहीं है। डेनियल्स ने अपने 30 पेज के ओपिनियन में कहा- तालिबान को अमेरिका के इतिहास में हुए सबसे खतरनाक हमले की जिम्मेदारी लेते हुए खुद मुआवजा भरना चाहिए, लेकिन अमेरिका अफगान सेंट्रल बैंक के पैसों को जब्त नहीं कर सकता है।
अगर उन्होंने ऐसा किया तो इसका सीधा मतलब यही होगा कि अमेरिका तालिबान सरकार को मान्यता दे रही है। अब इस फैसले के बाद तालिबान ने बिना मौका गवाए इस रकम पर अपना दावा ठोकते हुए अमेरिका से इसे वापस लौटाने की मांग की है।