पलवल/ऋषि भारद्वाज
पलवल जिले के अध्यापकों ने अध्यापक तालमेल कमेटी के बैनर तले पंचायत भवन में धरना दिया और परिवार पहचान पत्र के अंतर्गत आर्थिक सर्वे और आय सत्यापन करने की ड्यूटी को लेकर दी जा रही ट्रेनिंग का पूरी तरह से बहिष्कार किया,साथ ही पंचायत भवन में धरना देकर सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
अध्यापक नेता वेदपाल और वीर सिंह सौरोत ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण स्कूल पिछले लगभग 11 महीने से बंद थे, इस दौरान बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया गया, लेकिन गरीब बच्चों पर न तो एंड्रॉयड फोन थे और ना ही नेट की सुविधा थी, उन्होंने कहा अब परीक्षाओं के लिए केवल एक महीना मुश्किल से शेष है, इस दौरान इन बच्चों के लिए अध्यापकों का कक्षा में होना अति आवश्यक है, जिससे विद्यार्थी कुछ ना कुछ सीख सकें।
बता दें जिला प्रशासन ऐसे महत्वपूर्ण समय में अध्यापकों को प्रतिदिन नए-नए गैर शैक्षणिक कार्य सौंप कर कक्षाओं से दूर करना चाहता है, जोकि सरासर गलत है, और इन बच्चों के लिए अन्याय पूर्ण है उन्होंने कहा आय सत्यापन का कार्य बहुत ही मुश्किल कार्य है, जिससे अध्यापकों के लिए बच्चों के लिए समय निकालना संभव नहीं होगा, इसके अलावा उन्हें जिला प्रशासन ने अन्य तरह की ड्यूटियां भी सौंपी हुई हैं, शिक्षा के अधिकार कानून के तहत भी गैर शैक्षणिक कार्यों में अध्यापकों की ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती, इसलिए अब अध्यापकों ने यह फैसला किया है, कि वे गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए हर प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों का विरोध करेंगे।