इंडिया न्यूज, Haryana News(Rewari AIIMS): हरियाणा के रेवाड़ी जिले में बनने वाला एम्स हरियाणा के साथ साथ पड़ोसी राज्यों के लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देगा व उनकी सेहत में सुधार करेगा। यह केंद्र सरकार की तरफ से देश का 22वां एम्स हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव माजरा में बनाया जा रहा है, जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
हरियाणा जिले में ये एम्स बनने के बाद रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, रोहतक, झज्जर, नूंह, पलवल व फरीदाबाद सहित राजस्थान के अलवर व झुंझुनू जिलों के लोगों को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। 210 एकड़ में बनने वाले इस एम्स की घोषणा 2019-20 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री ने की थी।
एम्स में प्रत्यक्ष रूप से करीब तीन हजार व अप्रत्यक्ष रूप से करीब 10 हजार लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत हरियाणा को केंद्र सरकार की तरफ से यह बड़ा तोहफा मिला है। यह 750 बिस्तरों का अस्पताल होगा।
मेडिकल कालेज, नर्सिंग कालेज सहित आइसीयू स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट सहित करीब 1500 व्यक्तियों को प्रतिदिन ओपीडी में देखने की सुविधाएं यहां उपलब्ध करवाई जाएँगी। इसमें प्राइवेट वार्ड, ट्रामा बेड व आयुष बेड की सुविधाएं भी कैंपस में मिलेंगी। कैंपस में नाइट शेल्टर, गेस्ट हाउस के साथ एक हजार सीटों का आडिटोरियम, हास्टल व रिहायशी सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। एम्स में मेडिकल एजुकेशन, नर्सिंग और स्वास्थ्य संबंधी अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
दक्षिण हरियाणा के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, झज्जर व नूंह जिलों के लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रोहतक स्थित पीजीआइएमएस, गुरुग्राम स्थित निजी अस्पताल व राजस्थान के जयपुर के अस्पतालों में जाते हैं। झज्जर जिले के बाढसा में एम्स का नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट अलग से बनाया गया है, जो कैंसर रोगियों के इलाज के लिए लाभकारी होगा। दक्षिण हरियाणा में स्थित इस एम्स के राजनीतिक मायने भी हैं।
2014 से पहले इस पूरे इलाके को कांग्रेस का केंद्र कहा जाता था, राव इंद्रजीत सिंह के भाजपा में आने के बाद यह इलाका भगवा रंग में रंग गया है। प्रदेश में दो बार भाजपा की सरकार बनी, जिसमें राव इंद्रजीत के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भविष्य की राजनीति को देखते हुए भाजपा ने राव इंद्रजीत के जरिये इस क्षेत्र को एम्स जैसी सौगात देकर लंबी राजनीतिक पारी खेलने की योजना बनाई है।
रेवाड़ी एम्स के लिए 210 एकड़ में से करीब डेढ़ सौ एकड़ भूमि किसानों से अधिग्रहण किया जाना है। माजरा गांव के किसानों ने अपनी इच्छा से प्रदेश सरकार के पोर्टल पर केंद्र सरकार की इस परियोजना के लिए भूमि देने की इच्छा जाहिर की है। सरकार के नाम रजिस्ट्री कराने का काम पिछले चार दिनों से लगातार चल रहा है।
मनेठी के ग्रामीणों द्वारा मुफ्त में दी जाने वाली जमीन अरावली के वन क्षेत्र में आ गई थी, जिस कारण सरकार को भूमि के लिए गांव माजरा का रुख करना पड़ा। इस गांव के किसानों ने अपना बड़ा दिल दिखाते हुए योजना को सिरे चढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ लगातार हमने संपर्क रखा। झज्जर के बाढसा एम्स को लेकर भी केंद्र सरकार के अधिकारियों में भ्रांति बनी रही, इन प्रयासों से उनको दूर कर रखा गया। प्रधानमंत्री द्वारा प्रत्येक राज्य में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत एम्स देने की योजना शुरू की गई और हरियाणा को रेवाड़ी एम्स के रूप में उसका बड़ा तोहफा सरकार की तरफ से मिला है।
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