India News Haryana (इंडिया न्यूज), Kumari Selja : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा में सड़कों पर खुला घूम रहा गोवंश न तो खुद के लिए और न ही लोगों के लिए सुरक्षित है। प्रदेश में हर रोज लावारिस पशुओं की वजह से लगातार हादसे बढ़ते जा रहे हैं। इन हादसों में अनेक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। ऐसे में प्रशासन को इन बेसहारा पशुओं पर नकेल कसने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए। तापमान शून्य के आसपास है ऐसे में बेसहारा पशुओं को पकड़कर नंदीशाला या गौशाला भेजना चाहिए साथ ही सरकार को जल्द से जल्द गौशालाओं को अनुदान राशि जारी करनी चाहिए।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश के कई जिलों में बेसहारा पशुओं ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। इससे रोजाना सड़क हादसे होते रहते हैं। कई बार बेसहारा पशुु लड़ते हुए लोगों के दुकानों या फिर घरों में घुस जाते हैं जिससे काफी परेशानी होती है। सड़कों पर ऐसे पशुओं के कारण सड़क हादसे बढ़ रहे है, पशुओं के हमले के शिकार लोग अपंग हो रहे हैं।
प्रदेश में करीब 600 गोशालाएं है। उन्होंने कहा कि बेसहारा पशु मुक्त अभियान चलाने वाला गोसेवा आयोग तथा बड़ा प्रशासनिक अमला मौजूद है और प्रदेश को 15 अगस्त 2018 तथा 26 जनवरी 2019 को बेसहारा पशु मुक्त राज्य घोषित किया जा चुका है। पर वर्तमान में स्थिति कुछ और ही है। प्रदेश में ऐसा कोई नगर या गांव नहीं है जहां पर बेसहारा पशु सड़कों पर घूमते हुए न मिलें। हरियाणा में जीटी रोड, हिसार-सिरसा रोड, अंबाला कैथल रोड, पानीपत-रोहतक-हिसार रोड और गुरुग्राम व फरीदाबाद रोड समेत कई ऐसे हाईवे हैं, जहां अक्सर रात को सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। हादसों में न जाने कितने लोगों की जान जा चुकी है और न जाने कितने लोग अपंग हो चुके हैं।
उन्होंने कहा है बकि फतेहाबाद, अंबाला, कैथल, सिरसा, हिसार, पंचकूला, सोनीपत, भिवानी, झज्जर, करनाल, रेवाड़ी, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, चरखीदादरी, फरीदाबाद, पलवल और पानीपत जिलों में बेसहारा पशुओं की वजह से सड़कों पर टकराने से आए दिन मौत होती रहती है। उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं को गोशालाओं में रखने में गोशाला संचालक ज्यादा रुचि नहीं दिखाते। दूध देना बंद करने वाले पशुओं को पशुपालक खुला में छोड़ देते हैं, जो दिन व रात सड़को पर घूमते हुए बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि इन बेसहारा पशुओं पर नकेल कसने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए ताकि इनसे होने वाले हादसों को रोका जा सके। सरकार ने सुरक्षित यात्रा के लिए हाईवे बना दिये हैं। तमाम प्रबंध भी किए हैं इसके बावजूद यात्रा सुरक्षित नहीं हैं तथा कब कहां हादसा हो जाए, कहा नहीं जा सकता। हाईवे पर हादसों का सबसे बड़ा कारण है बेसहारा पशु।
उन्होंने कहा कि इस समय तापमान शून्य के करीब है, कई जिलों में धुंध और कोहरा पड़ना शुरू हो गया है। रात को हाइवे पर पशुओं के वाहनों से टकराने की घटनाएं बढ़ रही है। सिरसा प्रदेश में सबसे अधिक गोशालाओं वाला जिला है। बावजूद इसके बेसहारा गोवंश हाईवे पर बैठा रहता है। धुंध के समय तो स्थिति इतनी विकराल हो जाती है कि पशु दिखाई नहीं देते, ऐसे में हादसे होते हैं। ऐसे में बेसहारा पशुओं को पकड़कर गोशाला भेजा जाए और सरकार की ओर से गोशालाओं को जो अनुदान दिया जाता है वह जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए।