India News Haryana (इंडिया न्यूज), Sharadiya Navratri Ashtami : शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर शुक्रवार सुबह श्रद्धालुओं ने कन्याओं को भोजन कराया तथा पूजा अर्चना कर व्रत समाप्त किए लेकिन श्रद्धालुओं को कन्याओं को ढूंढने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। कन्याओं को भोजन कराने के लिए श्रद्धालु उन्हें गली-गली ढूंढते नजर आए।
कन्याओं को एकत्रित करने के लिए श्रद्धालु एक गली से दूसरी गली तक भी गए। उधर, शहर के विभिन्न मंदिरों में कन्याओं को सामूहिक भोज का आयोजन किया गया। ऐसी मान्यता है कि नवरात्र की अष्टमी पर कन्याओं को भोजन कराने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मन्नतें पूरी करती हैं। यह भी मान्यता है कि जब तक कन्याओं को भोजन न कराया जाए तब तक व्रत सफल नहीं होता।
इसी मान्यता के चलते रविवार को सुबह श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों पर कन्याओं को भोजन कराया तथा अन्न प्रसाद के रूप में ग्रहण करके व्रत समाप्त किया। श्रद्धालुओं ने सुबह जहां कन्याओं को शीघ्र भोजन करा व्रत समाप्त कर अन्न ग्रहण करने को उतावले दिखे वहीं कन्याओं को ढूंढने के लिए भी उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। कुछ लोगों को तो भोजन कराने के लिए कन्याएं न मिलने पर मंदिरों में सामूहिक रूप से भोजन कराकर काम चलाया। वहीं कुछ कन्याओं ने कई-कई घरों में भोजन किया। उधर, ऐतिहासिक जयंती मंदिर में आठवें नवरात्र पर हवन पूजन हुआ।
वहीं उचाना में भी नवरात्र की अष्टमी पर घरों में माता की पूजा-अर्चना हुई। व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने कंजकों को भोजन करवा कर अपने व्रत पूरे किए। सुबह की कंजकों को भोजन करवाने के लिए एक-दूसरे घरों में भोजन करने गई कंजकों को लेने के लिए श्रद्धालु पहुंचने लगे। हलवा, पूरी का प्रसाद वितरित करने के साथ-साथ लंच बॉक्स, बर्तन, स्कूल किताबों के अलावा अन्य गिफ्ट भी कंजकों को दिए। कविका, कृष्णा, सरोज, बाला ने कहा कि अष्टमी पर कंजकों को भोजन करवा कर व्रत पूरा किया जाता है। साल में दो बार नवरात्र आते है। सच्चे मन से पूजा करने पर माता मनोकामना पूर्ण करती है।
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