India News Haryana (इंडिया न्यूज), Sharadiya Navratri : श्राद्ध पक्ष के समापन के साथ ही वीरवार से शुरू हो रहे नवरात्र पर्व के लिए हर ओर उत्साह देखने को मिल रहा है। दैवीय उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे है। मां दुर्गा पूजा के इस पर्व को लेकर भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
नवरात्र पर्व के साथ ही नगर के बाजारों में रौनक लौटने लगी है तथा बाजार भी सज गए है। नगर के मंदिरों में नवरात्र पर्व की तैयारियां की जा रही है। नवरात्रि पर्व के मध्यनजर मां शेरावाली के पूजन के लिए बाजारों में दुकानों पर पूजा सामग्री, नारियल व चुन्नी बेचने के लिए सज चुके हैं। बाजारों में सामान खरीदने के लिए माता के भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है।
मां के भक्तों के अनुसार नवरात्र शुरू होने के साथ ही भक्तजन अन्न को त्याग कर फलों व मिठाइयों पर आश्रित हो जाते हैं। इसलिए हलवाईयों ने भी नवरात्रि के उपलक्ष्य में मिठाईयों का स्टाक करना शुरू कर दिया है। नवरात्रों में पूजा के दौरान श्रृंगार का सामान, चुनरी, लौंग, सुपारी, नये बर्तन, रोली, धूप अगरबत्ती, जौ व मेवे का प्रसाद प्रयोग में लाया जाता है। इस बार शारदीय नवरात्र पर्व वीरवार से आरंभ हो रहे है। माना जाता है कि जो व्यक्ति नवरात्रि के दिनों में सच्ची लगन से माता दुर्गा के नौ स्वरूपों का व्रत करता है, माता रानी उस इंसान की हर मनोकामना पूर्ण करती है।
उल्लेखनीय है कि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की नौ दिन तक होने वाली यह आराधना वर्ष में दो बार चैत्र माह तथा शारदीय नवरात्रों के रूप में अश्विन माह में होती है। आश्विन नवरात्र में आश्विन नवरात्रि का महा नवरात्र कहा जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां के अलग-अलग रूपों की पूजा को शक्ति की पूजा के रूप में भी देखा जाता है। नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना की जाती है। इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा उपवास किया जाता है। कन्या पूजन के बाद उपवास खोला जाता है।
घट के ऊपर पांच पत्ते, इसके ऊपर नारियल, घट के अंदर सुपारी, लोंग, इलायची, एक चम्मच पंचामृत, एक सिक्का, माता की नई प्रतिमा को भी साथ रखें। ज्योत के नीचे व घट के नीचे कोई भी अनाज अवश्य रखें।