5 जिलों के किसानों को सरकार ने दी राहत…जानिए पूरी खबर

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सोनीपत
सोनीपत में बरसात के कारण फसल खराब होने से किसानों ने स्पेशल गिरदावरी की मांग की थी। इसी को लेकर अब प्रदेश की सरकार ने कदम उठाते हुए 5 अक्टूबर से कई जिलों में खराब हुई फसल की स्पेशल गिरदावरी करने के आदेश भेजा था। सोनीपत में तहसीलदार की अगुवाई में पटवारियों ने स्पेशल गिरदावरी के आदेश दिए गए हैं। जिले में अलग-अलग तहसील पर खराब हुई फसल की स्पेशल गिरदावरी कर प्रदेश सरकार को भेजी जाएगी।
बरसात की वजह से फसलें खराब होने के बाद स्पेशल गिरदावरी की मांग कर रहे किसानों को सरकार की तरफ से हल्की राहत मिली है। सरकार ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को लेटर जारी करके आगामी 5 अक्टूबर से कपास और मूंग की फसल की स्पेशल गिरदावरी करवाने के निर्देश जारी कर दिए है। जिसके बाद टीमों का गठन करके 5 अक्टूबर से गिरदावरी का काम शुरू किया गया है। स्पेशल गिरदावरी सिर्फ कपास और मूंग की फसल की ही होगी। बाकी फसलों को गिरदावरी से अलग रखा गया है।

 

मानसून सीजन में इस बार काफी अधिक बरसात हुई है। जिसकी वजह से खेतों में किसानों को जल भराव का सामना करना पड़ा है। बरसात और पानी निकासी की व्यवस्था बेहतर न होने की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हुई है। इस संबंध में कई अलग-अलग गांवों के किसानों ने लघु सचिवालय परिसर में पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए स्पेशल गिरदावरी की मांग भी की थी। ऐसे में अब सरकार ने स्पेशल गिरदावरी करवाने का फैसला किया है।

 

सरकार ने कपास और मूंग की फसल की ही स्पेशल गिरदावरी करने के निर्देश जारी किए है। सोनीपत जिले की बात करे तो किसानों ने कपास करीब साढ़े 12 हजार एकड़ भूमि में उगाया है। मूंग का रकबा 500 एकड़ से भी कम है। वहीं करीब दो सप्ताह पहले कृषि विभाग की तरफ से तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार जिले में कपास की फसल को काफी नुकसान हुआ है। जिले में करीब 9195 एकड़ भूमि में उगी कपास की फसल बरसात की वजह से प्रभावित हुई है। इसमें से 2 हजार एकड़ भूमि में तो 76 से 100 प्रतिशत नुकसान हुआ है। ऐसे में कपास की स्पेशल गिरदावरी करवाने के निर्देशों के बाद कपास उत्पादक किसानों ने राहत की सांस ली है। स्पेशल गिरदावरी 5 अक्तूबर से 15 अक्तूबर तक की जाएगी।
सोनीपत जिले में इस बार मानसून सीजन में रिकार्ड बरसात हुई है। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जुलाई माह में पूरे जिले में औसतन 299 एमएम बरसात दर्ज की गई थी। यहीं हाल अगस्त और सितम्बर माह में भी रहा। अगस्त और सितम्बर माह में भी औसतन बरसात जिले में 200 एमएम से अधिक रही। जिसके कारण कपास, बाजरा, ज्वार, मूंग सहित अधिकतर फसलें बुरी तरह से प्रभावित हुई है। जुआं, महलाना, ककरोई, हुल्लाहेड़ी, बड़वासनी सहित दर्जन भर गांवों में तो काफी दिनों तक जल भराव के कारण धान की फसल भी प्रभावित हुई है। मौजूदा समय में धान की फसल मंडियो में पहुंचनी शुरू हो चुकी है।