India News Haryana (इंडिया न्यूज), Farmers News: दक्षिणी हरियाणा के अंतिम छोर पर बसे महेंद्रगढ़ जिले में दो दिनों तक हुई बरसात से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। यहां पर बोई जाने वाली प्रमुख फसल सरसों और गेहूं के साथ-साथ चने की फसल में भी किसानों को बरसात का काफी लाभ मिला है। वहीँ बताया जा रहा है कि किसानो का इसका फायदा आगे भी हो सकता है।
दक्षिणी हरियाणा के किसानों का मुख्य व्यवसाय कृषि है यहां पर कोई बड़ा उद्योग नहीं होने के कारण सभी व्यवस्थाएं खेती-बाड़ी पर निर्भर करती है। अगर फसल अच्छी है तो बाजारों में भी रौनक रहती है और यहां का किसान अपनी फसल की पैदावार पर बाजारों में विवाह शादियों पढ़ाई लिखाई और मकान पर खर्च करता है। वहीँ अगर फसल की पैदावार कम होती है तो किसान खर्च भी काम करता है। पिछले लंबे समय से किसान इसी चिंता में डूबा था की बरसात नहीं होने से इस बार उनकी सरसों, गेहूं और चने की फसल बर्बाद हो जाएगी लेकिन पिछले दो दिनों से लगातार हुई बरसात ने किसानों के चेहरों पर एक बार फिर से रौनक लौट आई है।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें, इस बरसात से गेहूं सरसों और चने की फसल में काफी लाभ मिला है। वहीँ अच्छी पैदावार होने की उम्मीद अब किसानों को लगने लगी है यहां के किसानों का मानना है कि इस बरसात और कोहरे के चलते उनकी फसल में पैदावार अच्छी होगी और किसान खुशहाल होगा। कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर देवेंद्र सिंह का कहना है कि इस बार बरसात नहीं होने से गेहूं, सरसों और चने की फसल को लेकर किसान चिंतित था लेकिन अब दो दिनों तक हुई बरसात और इस समय जो मौसम है वो इन तीनों ही फसलों के लिए अनुकूल है। इसको लेकर अब तीनों ही फसलों में अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है।