India News Haryana (इंडिया न्यूज),Haryana Goverment: हरियाणा में बढ़ते प्रदुषण के मामले के बाद हरियाणा सरकार ने किसानों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया, विपक्ष ने भी किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाने का प्रयास किया लेकिन हरियाणा सरकार लगातार मुश्किलों का सामना करती रही, लेकिन अब परेश के सख्त रुख का असर दखने को मिला। दरअसल, हरियाणा में पराली जलाने को लेकर किसानों, कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगातार कार्रवाई जारी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट भी राज्य सरकार की ओर से पराली जलने से रोकने के लिए तय आदेशों पर सवाल उठा चुका है। लेकिन नायब सरकार की इन्ही नीतियों के कारण पिछले 10 सालों में पराली जलाने के मामलों में हरियाणा की स्थिति में बड़ा बदलाव और सुधार देखने को मिला है।
अगर बात करें पराली जलाने के मामलो की तो हरियाणा में पराली जलाने के मामले में काफी बड़ा सुधार देखने को मिला है। दरअसल, 2013 में पराली जलाने के कुल 17,620 मामले आए थे, जबकि 2023 में इस संख्या में गिरावट देखने को मिली थी और इसकी संख्या कम होकर 2303 रह गई है। यानी पराली जलाने के मामलों में कुल 87 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। वहीं, अगर बात करें इस साल यानी 2024 की तो 22 अक्तूबर तक पराली जलाने के 665 मामले सामने आए हैं, जो पिछले पांच सालों में इस समय तक सबसे कम हैं।
हरियाणा पराली जलाने के मामले पर नायब सरकार एक्शन मोड में है, वही प्रशासन भी एक्टिव है, हर तरफ निगरानी की जा रही है। जिसके चलते मंगलवार को 12 किसानों की रेड एंट्री की गई, जबकि पांच नई एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं, 13 किसानों के चालान भी किए गए। अभी तक राज्य में 380 किसानों की मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री की गई। जबकि कुल 93 एफआईआर दर्ज हो चुकी है। अभी तक कुल 328 चालान कर किसानों से 8.35 लाख जुर्माना वसूला गया है।
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