India News Haryana (इंडिया न्यूज), Sirsa News : दो लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए तत्कालीन सीआईए इंचार्ज को जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोषी करार दिया है। दोषी सब इंस्पेक्टर 14 नवंबर तक सिरसा पुलिस के एटीवी स्टाफ का इंचार्ज था। न्यायालय ने दोषी की सजा का फैसला सुरक्षित रखा है। दोषी की सजा का न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा 19 नवंबर को सुनाएंगी। न्यायालय के फैसले पर सुबह से जिला पुलिस अधिकारियों की नजर टिकी हुई थी,क्योंकि ये बहुत बड़ा मामला था।
पब्लिक प्रोसिक्यूटर एडवोकेट पलविंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में शिकायतकर्ता सुक्खा सिंह गवाही के दौरान अपने पूर्व के बयान से पलट गया था। उन्होंने इस मामले की पैरवी अच्छे ढंग से की। न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा ने पब्लिक प्रोसिक्यूटर की दलीलों व स्टेट विजिलेंस ब्यूरो द्वारा पेश किए सबूतों को मद्देनजर रखते हुए सब इंस्पेक्टर अजय कुमार को दोषी करार दिया है। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने दोषी अजय कुमार को 5 जुलाई 2021 को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तारी के बाद जमानत पर जेल से रिहा होने के लिए आरोपी अजय कुमार ने अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने पांच बार जमानत याचिका लगाई और हर बार न्यायालय याचिका खारिज कर दी। अगस्त 2022 में दायर की पांचवीं याचिका को खारिज करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीके लाल ने अपने फैसले में कहा था कि पुलिस ऑफिसर एक जिम्मेदार पद होता, झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर 2 लाख रुपये की रिश्वत लेना बहुत गंभीर अपराध है।
मामले के अनुसार हुडा सेक्टर सिरसा निवासी सुक्खा सिंह ने विजिलेंस निदेशक को दी थी कि उसका पिता बलदेव सिंह एनडीपीएस एक्ट में जिला जेल में है। कोरोना संक्रमण के समय उसके पिता को 42 दिनों की पैरोल मिली थी। हार्ट की बीमारी के कारण उसका पिता तय समय पर वापस जेल नहीं जा पाया। इसके बाद उसके पिता का वारंट जारी हो गया।
15 जून को डबवाली सीआईए इंचार्ज एसआई अजय कुमार उनके घर आया और पिता को पकड़ लिया। इसके बाद अजय कुमार कहने लगा कि पूरे परिवार को धारा 216 में गिरफ्तार करुंगा। अगर बचना है तो तीन लाख रुपये देने होंगे। सुक्खा ने अजय कुमार को कहा कि इतने रुपये तो उसके पास अभी नहीं हैं। सुक्खा ने अजय कुमार को एक लाख रुपये दे दिए।
इसके बाद एसआई अजय कुमार ने सुक्खा से कहा कि एसपी साहब ने कहा है कि दो लाख रुपये और देने होंगे, तभी पूरा परिवार गिरफ्तारी से बचेगा। 5 जुलाई 2021 को डीएसपी कैलाश के नेतृत्व में विजिलेंस ब्यूरो की टीम सिरसा पहुंची। इसके बाद सुक्खा सिंह ने एसआई अजय कुमार को अपनी अनाज मंडी स्थित आढ़ती की दुकान में बुलाया। एसआई अजय कुमार ने सुक्खा से दो लाख रुपये रिश्वत के लिए तो तुरंत विजिलेंस की टीम ने उसे दबोच लिया।
बता दें कि गिरफ्तारी के कुछ ही दिन बाद सब इंस्पेक्टर अजय कुमार जेल से बाहर आ गया था। उसे जेल में अजय कुमार को कोरोना हो गया था। इस मामले में शिकायतकर्ता सुक्खा सिंह ने आरोप लगाया था कि अजय कुमार ने अपनी पावर का इस्तेमाल किया है। जब तक कोर्ट से जमानत नहीं मिलती उसे कोरोना मरीज दिखाकर कोविड सेंटर में रखने की प्लानिंग है। शिकायतकर्ता का आरोप था कि कोविड सेंटर में आरोपी को वीआईपी सुविधाएं मिल रही हैं।
सब इंस्पेक्टर अजय कुमार काफी वर्षों तक इनेलो प्रधान महासचिव अभय चौटाला का पीएसओ रहा। इसके संबंध जेजेपी के सीनियर नेताओं से भी गहरे हैं। इन संबंधों का लाभ अजय कुमार को एस इंस्पेक्टर प्रमोट होते ही मिला। पुलिस लाइन से उसे सीआईए सिरसा में जगह मिल गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार सीनियर लीडरों का फोन आने पर तत्कालीन एसपी भूपेंद्र सिंह ने अजय को पहले सीआईए सिरसा में नियुक्त दी और बाद में अजय कुमार को अपनी मनपसंद पोस्ट डबवाली सीआईए इंचार्ज की मिल गई।