नूह/कासिम खान
गृहरक्षी विभाग में दीमक की तरह फैले भ्रष्टाचार की देर से ही सही परंतु विभाग ने जांच कराने के आदेश दे दिए हैं। कमांडेंट प्रदीप कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त कर नूह जिले में लंबे समय से फैले भ्रष्टाचार की जांच 10 दिनों के अंदर करने के आदेश दिए हैं। कमांडेंट प्रदीप कुमार ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। दरअसल, जिले में 106 होमगार्ड के जवानों की भर्ती की चर्चाएं अगस्त माह में जोर पकड़ने लगी थी। जिसके बाद विभाग में ही काम कर रहे या काम कर चुके गृहरक्षी विभाग के जवानों ने दलाली का काम शुरू कर दिया।
दलालों ने पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं से ढाई से तीन लाख रुपए की रिश्वत लेनी शुरू कर दी। यह खबर जब आम हुई तो इस मामले की ऑडियो तथा वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। जिसके बाद कुंभकर्णी नींद में सोए गृह रक्षी विभाग के आला अधिकारियों की नींद खुली। सेंटर कमांडर कर्मवीर सिंह का तबादला किया गया। कमांडेंट प्रदीप कुमार ने बताया कि जिले में जो भर्ती की चर्चाएं चली हैं, उनमें कोई दम नहीं है।
विभाग के पास 531 होमगार्ड के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से सिर्फ 8 पद खाली हैं। उन्होंने यह भी कहा कि होमगार्ड के जवानों की भर्ती नहीं होती बल्कि एनरोलमेंट किया जाता है। कमांडेंट प्रदीप कुमार ने कहा कि जैसे ही नूह जिले में भर्ती की एवज में गड़बड़झाले की शिकायत विभाग के डीजीपी को लगी तो उन्होंने तुरंत संज्ञान लेते हुए इसकी जांच करने के आदेश दिए।
प्रदीप कुमार ने कहा कि उन्होंने जांच शुरू कर दी है। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा चाहे विभाग से जुड़ा कर्मचारी हो या फिर कोई बाहरी व्यक्ति हो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इससे साफ है कि जो दलाल लंबे समय से गृहरक्षी विभाग में रेस्ट देने, ड्यूटी चढ़ाने और बेल्ट नंबर देने सहित कई मामलों में दलाली कर मोटी रकम कमाने में लगे थे और अधिकारियों की जेब भर रहे थे अब उनकी नींद हराम हो सकती है।