India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Assembly Session : हरियाणा विधानसभा सत्र का कल जहां पहला दिन था और पहले दिन की कार्यवाही गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण से शुरू हुई। इसके बाद इस दौरान कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच तीखी नोक झोंक होती रही, वहीं आज भी इसके थमन के आसार नहींं हैं। कल सदन में डीएपी की कमी, किसानों और ड्रग्स के मुद्दे को लेकर भी सत्ता और विपक्ष के नेताओं ने अपनी बात रखी। तीन दिवसीय विधानसभा सत्र में अब आज और 18 नवंबर को सदन की कार्यवाही होगी।
कल राज्यपाल के अभिभाषण का समाप्त होने पर लंच के बाद विधानसभा का सत्र शुरू होने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सदन में प्रस्ताव रखे। वहीं इसको भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लंच ब्रेक से पहले कहा था कि विधानसभा की कार्रवाई हर बार जब भी सोमवार को सदन की कार्रवाई शुरू हो तो 2 बजे शुरू हो, आखिर इसका क्या कारण होता है
वहीं कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने चुनाव के दौरान अनिल विज के बयान की उनकी हत्या का साजिश हुई, पर कहा कि इस पर मुख्यमंत्री नायब सैनी को सदन में जवाब देना चाहिए। यह गंभीर मामला है। विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण ने कहा कि अशोक अरोड़ा इस संबंध में अपनी बात लिखकर दें।
कांग्रेस विधायक रघुवीर सिंह कादियान ने कहा कि वर्तमान सरकार के मंत्री और गब्बर के नाम से जाने वाले अनिल विज की खून की साजिश बेहद गंभीर विषय है। अनिल विज ने अधिकारियों पर भी साजिश कर चुनाव करने के आरोप लगाए। अनिल विज ने अपना बयान विधानसभा में शपथ लेने के बाद दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मामले को गंभीर बताते हुए इसकी गहन जांच की मांग की।
सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने एससी वर्ग आरक्षण में वर्गीकरण का प्रावधान किए जाने पर कहा सरकार डिवाइड एंड रूल का काम कर रही हैं। कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने गीता भुक्कल के वक्तव्य का ये कहते हुए विरोध किया कि कांग्रेस ने वंचित वर्ग को उनका हक नहीं दिया । कांग्रेस का प्रदेश में कोई नेता नही है और उनके हाई कमान के नेता बताएं वो एससी वर्ग में का विरोध करते है या समर्थन करते हैं।
कृष्ण बेदी के इस बयान पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कई कांग्रेस विधायकों ने एतराज़ किया। हुड्डा ने कहा की सदन में क्या बोलना चाहिए और क्या नही बोलना चाहिए इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए। मामले को लेकर निरंतर बहस हुई तो विपक्ष की तरफ से गीता भुक्कल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कई नेताओं ने इसको लेकर आपत्ति जताते वह कहा कि वह बीच में क्यों बोल रहे हैं। इसको लेकर डिप्टी स्पीकर कृष्ण मिढ़ा ने बार-बार कृष्ण बेदी को अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा लेकिन वह लगातार बोलते रहे। अंततः कृष्ण मिड्ढा को खड़े होकर बेदी को कहना पड़ा कि आप अपनी कुर्सी की गरिमा को बनाए रखें।
डीएपी की कमी के मसले पर कांग्रेस के विधायकों ने कई बार सवाल उठाए। गीता भुक्कल ने लगातार कहा कि उनके जिले समेत कहीं अन्य जिलों में डीएपी उपलब्ध नहीं है जिसके चलते किसान वर्ग निरंतर प्रताड़ित हो रहा है। इसके बाद कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने भी डीएपी की कमी का मसला उठाया तो कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा बोलने के लिए खड़े हुए तो इस पर स्पीकर और आफताब अहमद ने कहा कि जब आपका बोलने का समय आए आप इस पर बाद में जवाब दे दें। आदित्य चौटाला ने भी बाद में डीएपी की कमी का मुद्दा सदन में उठाया।
इसमें सेवानिवृत्ति की आयु तक संविदा कर्मचारियों के लिए नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित करने का विधेयक भी सदन में रखा गया जिससे लगभग 1.20 लाख ऐसे कर्मचारियों को लाभ होगा। विधानसभा चुनाव से दो महीने पहले, हरियाणा मंत्रिमंडल ने इस संबंध में अध्यादेश लाने को अपनी मंजूरी दे दी थी और अब शीतकालीन सत्र में हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा सुरक्षा) विधेयक, 2024 पेश किया गया। सत्र में भाजपा सरकार की ओर से कई अध्यादेश और विधेयक सदन में पेश किए गए।
कौशल रोजगार निगम के अंतर्गत कार्यरत एक लाख 20 हजार अनुबंधित कर्मचारियों के लिए सरकार रिटायरमेंट की उम्र यानी 58 वर्ष तक रोजगार देने की गारंटी का ऐलान कर चुकी है। इस संदर्भ में नायब सरकार के पहले कार्यकाल में ही अध्यादेश जारी किया जा चुका है।अब शीतकालीन सत्र में इस अध्यादेश को पेश किया गया।
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