डॉ. रविंद्र मलिक, India News, इंडिया न्यूज़, Nuh Riots, चंडीगढ़ : हरियाणा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद अब मामले पर जमकर सियासत हो रही है। पूरे मामले पर सत्ताधारी भाजपा और जजपा लगातार कह रहे हैं कि विपक्षी दल इस वक्त इस मामले का राजनीतिकरण बंद करें और शांति बहाली में मदद करें, वहीं दूसरी तरफ इस मामले में विपक्षी दल लगातार कह रहे हैं कि वो प्रभावित इलाके का दौरा करना चाहते हैं और वहां के लोगों की स्थिति जानना चाह रहे हैं। बीते दिनों कांग्रेस नेताओं का नूंह का दौरा प्रस्तावित था, लेकिन उनको वहां एंट्री नहीं दी गई।
उनको बीच से ही बैरंग लौटा दिया गया। मामले में ये बताना बेहद अहम है कि इससे पहले मंगलवार को हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा करने के लिए पहुंचे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के अलावा राष्ट्रीय लोक दल (आरएलए) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के नेताओं को प्रशासन की तरफ से धारा 144 लागू होने का हवाला देकर लौटा दिया था। लेकिन वहीं दूसरी तरफ भाजपा नेताओं को लेकर विपक्षी दल हमलावर हैं। जिस पर अब सियासत उफान पर है।
फिलहाल नूंह में हालात सामान्य होते जा रहे हैं। हालांकि प्रशासन की तरफ से एहतियातन पाबंदियां लगाई गई हैं। इसके अलावा सरकार बस सेवा बहाल की गई है। इसके अलावा नूंह में कर्फ्यू में ढील दी गई है।
कांग्रेस नेताओं ने नूंह दंगों के बाद वहां जाने की घोषणा की थी। उनका दौरा 8 अगस्त को प्रस्तावित था। वो गुरुग्राम से नूंह के लिए निकले तो रास्ते में ही उनको रोक दिया गया। प्रशासन की तरफ से इसके पीछे दलील दी गई कि वो वहां उनके जाने से हालात प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में हालात सामान्य होने के बाद ही वो जा सकते हैं। वहीं कांग्रेस नेताओं की तरफ से कहा गया था कि वो तय कार्यक्रम में नलहड़ मंदिर समेत कई इलाकों का दौरा करना चाहते थे। उनकी मंशा थी कि पीड़ित लोगों का दर्द जाना जाए क्योंकि अनेक घर व मकान तोड़ दिए गए थे। हालांकि प्रशासन की तरफ से कांग्रेस नेताओं को कहा गया था कि वो प्रशासन और पुलिस से वहां शांति बहाली के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी ले सकते हैं। चूंकि भाजपा नेताओं के शिष्टमंडल को वहां जाने की मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस अब हमलावर है।
नूहं दंगों के बाद स्टेट विजिलेंस भी हर किसी के निशाने पर है। खुद होम मिनिस्टर सीआईडी व इंटेलिजेंस पर उंगली उठा चुके हैं। वो बार-बार कह चुके हैं कि सीआईडी पूरी तरह से फेल रही। उनका कहना है कि सीआईडी के लिए इतना बजट है और इतने संसाधन होने के बाद भी सीआईडी के पास कोई जानकारी नहीं थी और इसके लिए किसकी जवाबदेही है। विपक्ष भी लगातार इंटेलिजेंस फेल्योर पर सवाल खड़े कर रहा है। कांग्रेस और इनेलो लगातार कह रहे हैं कि सीआईडी पूरी तरह से फेल रही है। वहीं डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। नूंह प्रशासन स्थिति का सही आकलन नहीं कर पाया।
हरियाणा में खुद को स्थापित करने में जुटी आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी नूंह जाने की घोषणा की थी। पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता की अगुवाई में पार्टी नेताओं का दौरा प्रस्तावित था। इसको लेकर प्रशासन ने अपनी तैयारी भी कर रखी थी। लेकिन आप नेताओं को सोहना के रायपुर के पास ही रोक लिया गया। पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता ने पुलिस प्रशासन के साथ बात की लेकिन उनको एंट्री नहीं मिली। अब इस मामले पर आप नेता लगातार इस बात को लेकर हमलावर हैं कि भाजपा नेताओं को वहां जाने की इजाजत मिल गई लेकिन हमें नहीं जाने दिया गया। इसका मतलब साफ है कि भाजपा कुछ छिपाना चाह रही है।
नूंह हिंसा को लेकर हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में बुधवार को भाजपा प्रतिनिधिमंडल नूंह में ब्रज मंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसक घटनाओं की जानकारी और मौजूदा हालत का जायजा लेने पहुंचा। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से बैठक कर हालात का जायजा लिया। हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल, विधायक एवं प्रदेश महामंत्री मोहन लाल बडौली, विधायक संजय सिंह और प्रदेश मंत्री समय सिंह भाटी भाजपा प्रतिनिधिमंडल के रूप में नूंह का दौरा किया। अन्य पार्टियों की तरह भाजपा नेताओं को भी एक नियत स्थान से आगे नहीं जाने दिया गया।
वहीं कांग्रेस नेताओं की नूहं में एंट्री नहीं होने पर वहां के एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने साफ कर दिया कि जिले में धारा 144 लगी हुई है और ऐसे में वो वहां नहीं जा सकते। वहीं ये भी बता दें कि प्रशासन पूरे मामले को लेकर बेहद सतर्क नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल मामले से जुड़े हर घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं और हर छोटी-बड़ी घटना की जानकारी ले रहे हैं।
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