India News Haryana (इंडिया न्यूज), Congress United : हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर अब टिकट वितरण को लेकर बैठकों का दौर जारी है। कांग्रेस व भाजपा आलाकमान की बैठक हो चुकी है। वहीं चुनाव को देखते हुए सोशल मीडिया पर कांग्रेस के नेताओं की फेक पोस्टर वायरल हो रही थी जिन्हें कांग्रेस के प्रचारकों ने फेक पोस्ट करार देते हुए कार्रवाई की मांग भी की है।
कई दिन पहले जिस प्रकार सोशल मीडिया पर कांग्रेस की गुटबाजी को भुनाया गया। उससे कांग्रेस आलाकमान के पास भी रिपोर्ट पहुंची तो हरियाणा कांग्रेस के बड़े नेताओं को गुटबाजी दूर करने की सख्त हिदायत दी। वहीं हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को भी लगने लगा कि उनकी आपसी खींचतान को भाजपा व जजपा मुद्दा बना रही है। इससे हरियाणा कांग्रेस के तीनों बड़े नेताओं ने दिल्ली बैठक में एक साथ बैठकर टिकटों की चर्चा कर एकता दिखाने का प्रयास किया।
इससे भी आगे बढ़ते हुए अब हरियाणा में एक मंच पर चुनाव प्रचार करने की योजना बनाई गई है। हालांकि हरियाणा कांग्रेस के सम्मेलन व हरियाणा मांगे हिसाब, परिवर्तन यात्रा भी अलग से चलते रहेंगे। सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व सांसद सैलजा के बीच मनमुटाव को भी दूर करवाने का प्रयास किया गया है।
दोनों के नजदीकी कुछ नेताओं ने भी चुनाव परिणाम को देखते हुए दोनों को साथ-साथ चलने के लिए प्रयास किए हुए थे। इसके बाद से ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बयान भी बदलने लगे है। हरियाणा में पिछले काफी समय से संगठन का विस्तार भी गुटबाजी के कारण नहीं हुआ है। जब सैलजा प्रदेश अध्यक्ष थी तब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा विधानसभा स्तर पर रैलियां कर रहे थे इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद के उदयभान को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
हरियाणा के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग सम्मेलन आयोजित करके हरियाणा के 45 से अधिक पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों, पूर्व मंत्रियों को कांग्रेस पार्टी में शामिल किया गया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उदय भान के कार्यक्रमों से सैलजा व रणदीप सुरजेवाला भी दूरी बनाए हुए है। तीनों नेता अलग-अलग कार्यक्रम करते है जिसे भाजपा, जजपा व इनेलो कांग्रेस की गुटबाजी के रूप में प्रचारित कर रही है। हालांकि कांग्रेस नेता भी कई बार कह चुके हैं कि मीडिया व विपक्ष के प्रचारकों को कांग्रेस की गुटबाजी ही दिखाई देती है, लेकिन भाजपा की गुटबाजी दिखाई नहीं देती।
कांग्रेस नेताओं के अनुसार भाजपा में भी मनोहर लाल व नायब सिंह सैनी, अनिल विज, रामविलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओमप्रकाश धनखड़, कुलदीप बिश्नोई, किरण चौधरी के अपने अलग-अलग समर्थक नेता व गुट है। अनिल विज को तो चुनाव को लेकर बनाई समिति में शामिल ही नहीं किया गया था। विज को इसके लिए धर्मेंद्र प्रधान से मिलना पड़ा था तब जाकर उनका नाम शामिल किया गया।
लगातार कांग्रेस की प्रचारित हो रही गुटबाजी का आगामी विधानसभा चुनाव में ज्यादा नुकसान न हो इसको देखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सांसद राहुल गांधी व हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया हरियाणा के कांग्रेस नेताओं को चेता चुके हैं कि सभी को एक मंच पर ही आना होगा। आगामी समय में होने वाली रैली से पहले हुड्डा व सैलजा एक मंच पर प्रचार करते हुए दिखाई देेंगे। वरिष्ठ नेताओं के नजदीकी एक कांग्रेसी नेता ने बताया कि वह व और कई अन्य नेता इसको लेकर प्रयास कर रहे है।
दिल्ली में चल रही टिकटों को लेकर बैठक में भी आपसी सहमति बनाते हुए एक दूसरे के समर्थकों की टिकटों को लेकर टांग खिंचाई न करने का फैसला लिया गया है। माना जा रहा है कि एक दूसरे के समर्थक व जीतने वाले उम्मीदवार का विरोध न करने का फैसला लिया गया है।
2019 के विधानसभा चुनाव में कई जीतने में सक्षम कांग्रेस नेताओं की टिकट गुटबाजी के कारण कटवा दी गई थी जिनमें से कई दूसरी पार्टी में जाकर व आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर जीतने में कामयाब रहे थे। यही कारण है कि अब 2024 के चुनाव में जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवार पर ही जोर दिया जा रहा है। 1 सितम्बर के बाद कभी भी हरियाणा कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जा सकती है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी कांग्रेस में गुटबाजी पर स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं है। कांग्रेस के नेता अलग-अलग कार्यक्रम करते हैं तो वह भी पार्टी को मजबूत करने का काम कर रहे है। कांग्रेस के सभी नेता एक दिन एक जगह पर एक ही कार्यक्रम नहीं कर सकते। यदि वह अपने क्षेत्र में या किसी दूसरे जिले में कार्यक्रम कर रहे हैं तो इसमें बुराई क्या है।
कुमारी सैलजा ने भी बयान दिया है कि कांग्रेस के सम्मेलन या पदयात्रा हो रही है तो वह पार्टी को मजबूत कर रहे है। अपने जिले या अपने क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कोई भी नेता प्रयास करता है। ऐसा हर संगठन में, हर जगह होता है। सभी एकजुट होकर कांग्रेस पार्टी को सत्ता में लाने का काम करेंगे। कांग्रेस एकजुट है। टिकट घोषणा के साथ सबके सामने एकजुटता की तस्वीर सामने होगी।
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