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India’s First Super Expressway : दिल्ली से जयपुर की दूरी होगी कम, हरियाणा के इन जिलों को भी होगा लाभ

• LAST UPDATED : October 7, 2024
  • देश के पहले सुपर एक्सप्रेसवे का काम तेजी से जारी

  • 8 लेन के एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई होगी 195 किलोमीटर

पवन शर्मा, India News Haryana (इंडिया न्यूज), India’s First Super Expressway : देश के पहले सुपर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से जारी है, जो दिल्ली से जयपुर तक की यात्रा को न केवल सुगम बनाएगा, बल्कि दूरी भी कम करेगा। इस आधुनिक सुपर एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 195 किलोमीटर होगी और यह आठ लेन का होगा। इसे एनएच 352B नाम दिया गया है। इसके बनने से दिल्ली और जयपुर के बीच की यात्रा 40 किलोमीटर तक कम हो जाएगी, जिससे लोगों को समय और ईंधन की बचत होगी।

India’s First Super Expressway : जानिए इन जिलों से गुजरेगा यह सुपर एक्सप्रेसवे

दिल्ली-जयपुर सुपर एक्सप्रेसवे हरियाणा और राजस्थान के सात प्रमुख जिलों से होकर गुजरेगा। इनमें हरियाणा के गुरुग्राम, रेवाड़ी, झज्जर और महेंद्रगढ़ तथा राजस्थान के अलवर, जयपुर और सिलकर शामिल हैं। इसके अलावा यह एक्सप्रेसवे करीब 423 गांवों को भी कनेक्ट करेगा, जिससे इन क्षेत्रों के लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा प्राप्त होगी।

कहां से कहां तक बनेगा एक्सप्रेसवे

यह सुपर एक्सप्रेसवे दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे के खेरकी धौला टोल प्लाजा के पास NH-48 के किलोमीटर 40.10 से शुरू होकर राजस्थान की राजधानी जयपुर के उत्तर में चंदवाजी के पास NH-48 के किलोमीटर 217.0 पर समाप्त होगा।

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परियोजना पर आने वाली लागत

इस विशाल परियोजना की लागत लगभग 6,530 करोड़ रुपये आंकी गई है, जो इसे भारत की सबसे महत्वपूर्ण और महंगी सड़क परियोजनाओं में से एक बनाती है। इसके निर्माण से न सिर्फ दिल्ली और जयपुर के बीच यात्रा करना आसान होगा, बल्कि इस मार्ग से गुजरने वाले कई कस्बों और गांवों को भी बड़ा फायदा होगा।

कब तक होगा निर्माण कार्य पूरा

सुपर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 2027 तक पूरा हो जाने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके बनने से दिल्ली और जयपुर के बीच का सफर न केवल कम होगा बल्कि दोनों शहरों के बीच व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

आर्थिक और सामाजिक लाभ

इस सुपर एक्सप्रेसवे के बनने से हरियाणा और राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में आर्थिक विकास की गति तेज होगी। व्यापार, पर्यटन और उद्योगों को भी इसका लाभ मिलेगा, क्योंकि यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और जयपुर जैसे दो प्रमुख शहरों को जोड़ने के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों का विस्तार करेगा।

इस सुपर एक्सप्रेसवे के निर्माण से भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। यह न केवल सड़क परिवहन को बेहतर बनाएगा, बल्कि भविष्य में अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श मॉडल बनेगा।

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