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Kumari Selja : ‘ऐसा पहली बार हुआ है….’ किसानों को प्रदर्शन के लिए परमिशन लेने को सैलजा ने बताया तुगलकी फरमान

• LAST UPDATED : December 5, 2024
  • किसानों को रोकने के लिए तुगलकी फरमान जारी करना निंदनीय
  • ऐसा पहली बार हुआ है जब किसानों को प्रदर्शन की परमिशन दिल्ली से लेने को कहा है
  • लोकतंत्र में सभी नागरिकों को अपनी बात कहने का अधिकार है

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Kumari Selja : भाजपा सरकार किसानों व आम जनता की आवाज को दबाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत यदि कोई अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं तो उन्हें रोकने के लिए भी सरकार के इशारे पर प्रशासन द्वारा नए-नए तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे हैं। अंबाला डीसी की ओर से भी एक ऐसा ही तुगलकी फरमान जारी किया गया है जो निंदनीय है। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने जारी एक बयान में कही।

Kumari Selja : नागरिकों को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने का अधिकार

सांसद सैलजा ने कहा कि किसान लंबे समय से एमएसपी गारंटी का कानून बनाने की मांग पर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। शंभू व खनौरी बॉर्डर पर किसान धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनकी हर मांग को अनसुना कर रखा है। इसलिए किसान केंद्र सरकार तक अपनी मांग पहुंचाने के लिए 6 दिसंबर को दिल्ली जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी नागरिकों को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने का अधिकार है। इस अधिकार को कोई नहीं छीन सकता, मगर भाजपा सरकार लोगों के इस अधिकार को भी छीनना चाहती है।

सरकार की तानाशाही

किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए अंबाला के डीसी ने एक ऐसा ही आदेश पारित किया है जो न सिर्फ लोकतंत्र के खिलाफ है बल्कि सरकार की तानाशाही को दर्शाता है। अंबाला के डिप्टी कमिश्नर ऑफिस की तरफ से जारी किए गए आदेश में लिखा है कि किसान दिल्ली पुलिस से परमिशन मिलने के बाद ही आगामी कार्यवाही करें, नहीं तो इस कार्यक्रम को स्थगित करें। अंबाला में धारा 163 लागू कर दी गई है। 5 या 5 से ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने पर रोक है। इसके साथ दिल्ली में आंदोलन के लिए दिल्ली पुलिस की परमिशन जरूरी है।

धारा 163 (पहले धारा 144) के नोटिस चिपकाए

हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने धारा 163 (पहले धारा 144) के नोटिस चिपकाए हैं। आदेश में कहा गया है कि 6 दिसंबर से जत्थों के रूप में शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच का आह्वान किया है और ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों से एकत्रित होने की अपील की है। ऐसे में आपको दिल्ली में प्रदर्शन-आंदोलन करने के लिए दिल्ली पुलिस की अनुमति लेना जरूरी है। ऐसे में आप के द्वारा प्राप्त अनुमति बारे इस कार्यालय (अंबाला डीसी ऑफिस) को सूचित करें।

यह भाजपा सरकार की बौखलाहट को दिखाता

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान अंबाला में प्रदर्शन नहीं करेंगे, वे अंबाला होकर दिल्ली जाएंगे। ऐसे में अंबाला डीसी द्वारा इस तरह का आदेश जारी करना अलोकतांत्रिक है। आदेश में यह कहना कि दिल्ली जाने से पूर्व दिल्ली पुलिस की परमिशन लेनी होगी, यह भी अपने आप में बेतुका आदेश है। पंजाब के किसान हरियाणा होकर दिल्ली जाना चाहते हैं, ऐसे में हरियाणा में उन्हें रोकना अनुचित है। यह भाजपा सरकार की बौखलाहट को दिखाता है।

वे सरकार से कोई भीख नहीं मांग रहे

किसान भी हमारे देश के नागरिक हैं। हमारे अन्नदाता है। वे सरकार से कोई भीख नहीं मांग रहे हैं बल्कि अपनी मेहनत से उपजाई जाने वाली फसलों का उचित दाम मांग रहे हैं जो उनका हक है। भाजपा ने चुनाव से पूर्व किसानों को एमएसपी की गारंटी देने का वादा किया था, मगर अब सत्ता में आने के बाद मुकर रही है। सरकार को किसानों पर नए-नए फरमान जारी करने की बजाय उनकी मांग को पूरा करना चाहिए ताकि हमारा किसान भी समृद्ध एवं खुशहाल बन सके।

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