India News Haryana (इंडिया न्यूज), Stubble Burning: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शनिवार को हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कृषि मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक हुई। इस बैठक में फसल अवशेष में आगजनी और उसके प्रबंधन के मुद्दों पर चर्चा की गई। हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने रोहतक से बैठक में भाग लेते हुए बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में 60 प्रतिशत की कमी आई है।
उन्होंने कहा कि इस कमी का मुख्य कारण हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की सक्रियता है। राज्य सरकार ने किसानों को पराली न जलाने के लिए विभिन्न स्तरों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए हैं, जिनमें ग्राम, खंड और जिला स्तर पर अभियान शामिल हैं। इसके अलावा, प्रिंट और सोशल मीडिया के माध्यम से भी जागरूकता फैलाई गई है। सरकार ने किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन राशि और सब्सिडी पर कृषि यंत्र भी उपलब्ध कराए हैं।
श्याम सिंह राणा ने बताया कि हरियाणा सरकार पराली जलाने की घटनाओं को लेकर पूरी तरह सतर्क है और निगरानी के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए कृषि विभाग और जिला प्रशासन द्वारा और अधिक प्रयास किए जाएंगे। बावजूद इसके, पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना और एफआईआर दर्ज की जाएगी, और उनकी “मेरी फसल-मेरा ब्योरा” में रेड एंट्री होगी।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद कार्रवाई जारी है। शनिवार को पराली जलाने के 9 नए मामले सामने आए, जबकि 13 किसानों की रेड एंट्री की गई और एफआईआर दर्ज की गई। कुल मिलाकर, अब तक राज्य में पराली जलाने के 799 मामले दर्ज हो चुके हैं। इस संदर्भ में, कैथल जिले में सबसे अधिक 131 मामले सामने आए हैं, जबकि कुरुक्षेत्र में 94 और अंबाला तथा करनाल में 74-74 मामले दर्ज हुए हैं। अन्य जिलों में भी पराली जलाने की घटनाएं लगातार जारी हैं, जिससे राज्य सरकार को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।