India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Assembly Session : हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार बनने और मंत्रिमंडल के गठन के बाद 25 अक्टूबर को एक दिन का विधानसभा बुलाया गया है। इसको देखते हुए अब अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चयन को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसी दिन विधायकों को शपथ भी दिलाई जाएगी। इसके लिए राज्य के सबसे वरिष्ठ डॉ. रघुबीर सिंह कादियान (80) जो सात बार विधायक रह चुके हैं को प्रोटेम स्पीकर बनाया जा चुका है।
इसी कड़ी में यह बता दें कि हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में दूसरी बार सबसे ज्यादा 13 महिला विधायक चुनकर आई हैं। हालांकि 90 सदस्य हरियाणा विधानसभा में 70 पुरुष विधायकों के तुलना में आंकड़ा बेहद कम है। सदन के अंदर और बाहर पुरुष प्रधान समाज में बराबरी के लिए तरस रही महिलाओं की संख्या विधानसभा में बढ़ी है। हालांकि चाहे शिक्षा या आर्थिक या फिर कोई भी क्षेत्र हो, महिलाओं को समाज में पुरुषों के बराबर दर्जा न मिलने का मामला हमेशा चर्चा में रहा है।
अबकी बार विधानसभा में आई दो महिला विधायकों को भाजपा ने मंत्री बनाया है। दोनों ही महिला नेत्री राजनीतिक परिवारों से है जिनको कैबिनेट में जगह दी गई है। केंद्रीय राज्य मंत्री और लगातार छठी बार सांसद बने राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव को स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन के साथ तीन विभाग दिए गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ राज्यसभा सांसद और भाजपा दिग्गज किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को महिला और विकास मंत्रालय सहित दो विभाग दिए गए हैं।
निर्वाचन आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में कुल 1031 उम्मीदवार चुनावी रण में उतरे थे, जिनमें से महज 101 महिलाएं चुनाव लड़ रही थीं। जिसके बाद चुनाव में 464 निर्दलीय और 101 महिलाओं समेत कुल 1,031 उम्मीदवार इस बार मैदान में थे।
चुनाव में भाजपा ने 10 महिलाओं को टिकट दिया था, जिनमें 5 महिलाएं विधानसभा पहुंची, दूसरी तरफ वहीं कांग्रेस ने 12 महिलाओं को टिकट दिया था, जिसमें 7 महिलाएं महिला विधायक चुनी गई तो वहीं एक निर्दलीय महिला विधायक भी चुनी गई। इसी कड़ी में ये भी बता दें कि राज्य में संपन्न हुए 2024 के विधानसभा चुनाव में इस बार 13 महिला विधायक बनी हैं. इससे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में 13 महिला विधायक चुनी गई थी, जबकि 2019 में महिला विधायकों की संख्या घटकर 8 रह गई थी।
ये भी बता दें कि अबकी बार मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से सबसे ज्यादा साथ महिला विधायक चुनकर आई है। कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतने वाली महिला नेत्रियों में पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस प्रत्याशी गीता भुक्कल झज्जर , शैली चौधरी नारायणगढ़, शकुंतला खटक कलानौर, ओलंपियन विनेश फोगाट जुलाना, पूजा चौधरी मुलाना, रेणु बाला साढौरा और मंजू चौधरी नांगल चौधरी शामिल हैं।
वहीं सत्ताधारी दल भाजपा की जो महिला नेत्री चुनाव जीती हैं, उनमें से शक्ति रानी शर्मा कालका, कृष्णा गहलावत राई, श्रुति चौधरी तोशाम, बिमला चौधरी पटौदी और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह शामिल है। वहीं ये भी बता दें कि निर्दलीय उम्मीदवार और भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल बतौर निर्दलीय उम्मीदवार हिसार सीट से चुनाव जीतने में सफल रही और बाद में उन्होंने भाजपा को समर्थन दे दिया। इसी कड़ी में ये भी बता दें हरियाणा में जितनी भी महिलाएं विधायक या सांसद बनी हैं, उनमें से ज्यादातर संपन्न राजनीतिक परिवारों से हैं।
1967 में हुए पहले विधानसभा के चुनाव में मात्र 4 महिला चुनी गई थी। 1968 में 7, 1972 में 4, 1977 में 4 , 1982 में 7, 1987 में 5, 1991 में 6, 1996 में 4, 2000 में 4, 2005 में 11 और 2009 में 8 विधायक चुनी गई थी। बता दें कि लिंगानुपात के मामले में हरियाणा की देश में एक समय सबसे खराब स्थिति थी। इसके बाद साल 2014 में 13, 2019 में 8 और 2024 में 13 महिला विधायक चुनी गई।
आंकड़ों से स्पष्ट है कि पुरुषों की तुलना में महिला विधायकों की संख्या बेहद कम है, लेकिन पिछले कुछ साल में महिला विधायकों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन बराबरी के लिहाज से ये बेहद कम है। ये भी बता दें कि 2011 की जनगणना में राज्य में 1,000 पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का अनुपात 877 था, जिसमें अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
एक स्टडी के मुताबिक, हरियाणा में समाज घर और सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की बराबरी का दर्जा और प्रतिनिधित्व न मिलना, हमेशा चिंता का विषय रहा है। हरियाणा का इतिहास महिलाओं को लेकर इतिहास महिलाओं के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रसित तो है ही, साथ में उनके प्रति बढ़ता अपराध भी हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। स्टडी के मुताबिक पिछले कुछ साल में विधानसभा चुनावों में महिला उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या और 2000 से 2019 तक पुरुषों को हराने का आंकड़ा बदली हुई तस्वीर पेश करता है, लेकिन ये नाकाफी है।
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