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77th Sant Nirankari Samagam : तीन दिवसीय संत निरंकारी समागम का शुभारंभ, पहले दिन लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु 

• LAST UPDATED : November 16, 2024
  • परमात्मा को जीवन में शामिल करने से होता है मानवीय गुणों का विस्तार : निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज

India News Haryana (इंडिया न्यूज), 77th Sant Nirankari Samagam : हम सभी को परमात्मा को जानना चाहिए, क्योंकि परमात्मा को  जानकर जब हम परमात्मा को अपने जीवन का आधार बना लेंगे तो हमारे जीवन में मानवीय गुणों का विस्तार होता चला जाता है।

उक्त उद्गार सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज ने 77वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के प्रथम दिवस के अवसर पर मानव हित में दिए गए अपने प्रवचनों में उपस्थित लाखों की संख्या में साथ संगत को संबोधित करते हुए कही। सतगुरु माता ने विशाल सत्संग के रूप में एकत्रित सभी संतो को सम्बोधित करते हुए फरमाया कि वास्तविक रूप में ‘असीम की ओर-विस्तार‘, यह एक अंदर से बाहर की दिव्य यात्रा है।

77th Sant Nirankari Samagam

77th Sant Nirankari Samagam : परमात्मा संग जुड़ जाते हैं तब मन में आ जाती है स्थिरता

उन्होंने कहा कि अक्सर मनों में तनाव तथा दिल और दिमाग के तालमेल की बात आती है। वास्तव में मन और मस्तिष्क दोनों ही साथ है, परन्तु कभी मन कुछ ओर चाहता है और मस्तिष्क कुछ और सोचता है, लेकिन जब हम इस परमात्मा संग जुड़ जाते हैं तब मन में स्थिरता आ जाती है और अपनत्व का भाव उत्पन्न हो जाता है फिर मन विशाल बन जाता है। अंत में सतगुरु माता जी ने अपने प्रवचनों में कहा कि युगों-युगों से संतों, पीरों ने यही सन्देश दिया कि हमें अपनी आध्यात्मिक यात्रा करते हुए मानवता के काम ही आना है, परमात्मा द्वारा प्रदान की हुई चीजें एवं इन्सानों ने भी जो आविष्कार किए हैं, उनका सदुपयोग करते हुए इस धरा को ओर अधिक सुंदर बनाना है।

छात्रों ने नृत्य एवं संगीत के माध्यम द्वारा दिव्य युगल का अभिनन्दन किया

इससे पूर्व समागम स्थल पर आगमन होते ही सतगुरु माता व निरंकारी राजपिता का सन्त निरंकारी मण्डल की कार्यकारिणी समिति के सदस्यों व अन्य अधिकारियों ने फूल मालाओं एवं पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। तत्पश्चात मंच तक उनका स्वागत एक भव्य शोभा यात्रा के रूप में किया गया। इस शोभायात्रा में निरंकारी इंस्टीट्यूट ऑफ म्यूजिक एंड आर्ट्स के 300 से भी अधिक छात्रों ने नृत्य एवं संगीत के माध्यम द्वारा दिव्य युगल का अभिनन्दन किया।

इस कार्यक्रम में फूलों से सुसज्जित खुली पालकी में दिव्य युगल विराजमान होकर श्रद्धालु भक्तों को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान कर रहे थे और यहां पर उपस्थित सभी श्रद्धालु भक्त आनंदित होकर अपनी नम आंखों से, हाथ जोड़ते हुए उनका स्वागत भक्तिभाव से कर रहे थे। दिव्यता का यह अनुपम नज़ारा मिलवर्तन की सुंदर भावना को वास्तविक रूप में साकार कर रहा था, जिसमें हर भक्त अपनी जाति, धर्म, भाषा को भुलाकर केवल प्रेमाभक्ति में सराबोर था।

77th Sant Nirankari Samagam

निरंकारी प्रदर्शनी सभी के लिए मुख्य आकर्षण का केन्द्र बनी

गौरतलब है कि इस वर्ष का समागम शीर्षक ’विस्तार-असीम की ओर’ है, जिस पर आधारित निरंकारी प्रदर्शनी सभी संतों के लिए मुख्य आर्कषण का केन्द्र बनी हुई है। इस दिव्य प्रदर्शनी को मूलतः तीन भागों में विभाजित किया गया है, जिसके प्रथम भाग में भक्तों को मिशन के इतिहास, विचारधारा एवं सामयिक गतिविधियों के अतिरिक्त सतगुरु द्वारा देश व विदेशों में की गई दिव्य कल्याणकारी प्रचार यात्राओ की पर्याप्त जानकारी प्राप्त होगी। द्वितीय भाग में संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग के सभी उपक्रमों व गतिविधियों को दर्शाया जा रहा है, जबकि  तृतीय भाग के अंतर्गत बाल प्रदर्शनी को बड़े ही मनमोहक व प्रेरणादायक रूप में बाल संतों द्वारा प्रदर्शित किया गया है।

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