इंडिया न्यूज, करनाल।
Rakesh Tikait Attacks on SYL Issue जिले के गांव जलाला वीरान (Jalala Viran) में किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि एसवाईएल मुद्दा और दिल्ली हिंसा सरकार की सोची-समझी साजिश है। लोगों को वोट लेने, आपस में लड़वाने के अलावा कोई काम नहीं है। वहीं गुरुनाम चंढूनी के साथ में न आने के सवाल पर चुटकी ली और मुख्यमंत्री पद की कामों से तुलना की। टिकैत गांव जलाला वीरान के किसान की जमीन की बोली लगाए जाने के विरोध में पहुंचे थे। जिस पर सरकार को चेतावनी दी कि वो किसान की जमीन नहीं जाने देंगे।
एसवाईएल के मुद्दे पर टिकैत ने कहा कि अब हरियाणा में चुनाव है, इसलिए आम आदमी पार्टी वाले ऐसी बातें करते हैं। पंजाब में वहां की बात और हरियाणा में यहां की बात। ये सब वोट पाने के लिए किया जा रहा है। टिकैत ने किसान के समर्थन में कहा कि 6 साल से संपर्क नहीं किया। कोई नोटिस नहीं आया। जमीन नीलाम कर दी गई। कोर्ट से जमीन पर कब्जे के लिए फोर्स बुला ली। जमीन की कीमत 90 लाख रुपए है। बैंक को 17 लाख रुपए देने हैं। ग्रामीणों के विरोध से जमीन पर कब्जा नहीं कर पाए। यहां पर डीसी रेट 25 लाख रुपए है। डीसी रेट से कम जमीन की बोली नहीं लगा सकते। हम मांग करते हैं कि किसान की जमीन को छोड़ा जाए।
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