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Sonipat News : अपनी करतूत छिपाने के लिए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने गढ़ी झूठी रिपोर्ट, रातों-रात खड़ी की दीवार..कईं चौकाने वाले खुलासे  

• LAST UPDATED : November 14, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Sonipat News : पीडब्ल्यूडी द्वारा अपनी गलतियों को छिपाने के लिए झूठी रिपोर्ट तैयार करने और भ्रष्टाचार संबंधी कई खुलासे हुए है। सोनीपत में एक मामला सामने आया है, जिसमें लोक निर्माण विभाग द्वारा सोनीपत के छतेहरा गांव से कंवाली वाया गढ़ी बाला रोड पर 400 मीटर की रिटेनिंग वॉल और सड़क की मरम्मत के लिए 50 लाख का बजट तय किया गया था और शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिसंबर 2022 में इसका ठेका भी दिया गया, लेकिन हाल ही में सामने आए मामले में दावा किया गया है कि दीवार बिना बने ही पेमेंट कर दी गई। इसके साथ ही अब दीवार निर्माण की झूठी रिपोर्ट को छुपाने के लिए आनन-फानन में घटिया ईटों से दीवार खड़ी की गई है।

Sonipat News : रात के अँधेरे में किया दीवार का निर्माण

वहीँ इस संबंध में सोनीपत के गांव गढ़ी बाला के सरपंच प्रतिनिधि जयप्रकाश ने बताया कि पहले यहां कोई रिटेनिंग वॉल नहीं थी। दीवाली के आस-पास जब ग्रामीण वहां से गुजर रहे थे, तो देखा कि रात के अंधेरे में मजदूरों दीवार निर्माण का काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस दौरान एनजीटी के आदेशों का भी उल्लंघन किया गया।

जयप्रकाश के अनुसार, दीवार के निर्माण के लिए खेत की मिट्टी किसान रमेश की सिंघाड़े की फसल पर डाल दी गई, जिससे उसे भारी नुकसान हुआ। इस बारे में किसान रमेश ने बताया कि उनके खेत के किनारे 15 दिन पहले ही दीवार बनाई गई, और निर्माण के लिए खुदाई की गई मिट्टी उनकी फसल में डाल दी गई, जिससे सिंघाड़े की बेल भी नष्ट हो गईं। रमेश ने कहा कि यह दीवार हाल ही में खड़ी की गई है, जबकि कागजों में यह काम सालों पहले पूरा दिखा दिया गया था।

दीवार पर सीमेंट का प्लास्टर कर दिया गया, ताकि खराब निर्माण छिप जाए

नाबार्ड को तमन्ना गहलावत नामक व्यक्ति द्वारा की गई शिकायत में इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। नाबार्ड के अधिकारियों ने सोनीपत पीडब्लूडी के एसई को जांच के आदेश दिए। जांच में पाया गया कि दीवार केवल कागजों में ही मौजूद थी, और मौके पर नींव की खुदाई के अलावा कोई दीवार नहीं मिली।

अब आनन-फानन में रिटेनिंग वॉल बनाने का काम शुरू किया गया, जिसमें घटिया गुणवत्ता की कच्ची ईंटों का इस्तेमाल किया गया और दीवार पर सीमेंट का प्लास्टर कर दिया गया, ताकि खराब निर्माण छिप जाए। अब जब दीवार बनाई गई है तो भ्रष्टाचार के कई सवाल उठ रहे हैं। अधिकारी और ठेकेदार मिलकर न केवल 50 लाख की रकम हड़प गए, बल्कि दीवार में खराब मटेरियल का उपयोग भी किया गया।

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