India News Haryana (इंडिया न्यूज), Air Pollution In Haryana : प्रदेश में लगातार दो दिन से स्मॉग छाया हुआ है। जिससे आमजन परेशान हो गया है। पर्यावरण प्रदूषित होने से हवा जहरीली हो गई है और लोगों ने मास्क लगाना शुरू कर दिया है। सुबह और शाम की सैर भी सेहत के लिए खतरनाक हो चली है। आंखों में जलन हो रही हैं। प्रदेश भर के अस्पतालों की बात की जाए तो सांस, अस्थमा, एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
विशेषज्ञों के अनुसार अभी प्रदूषण से राहत के आसार नहीं हैं। मौसम वैज्ञानिक डॉ. राजेश ने बताया कि रात के तापमान में गिरावट आ रही है। जिसके चलते स्मॉग की परत वातावरण में बनी हुई है। रात को कोहरा भी दस्तक दे रहा है। हवा की गति तेज होने या बूंदाबांदी से राहत मिल सकती है। कोहरा रबी फसलों के लिए फायदेमंद है।
पिछले 15 दिनों से जिले की आबो हवा प्रदूषित हो चली है। अस्थमा के मरीजों, बच्चों, बुजुर्गों को सांस लेने में परेशानी आ रही है। अब दो दिन से स्मॉग के साथ धुंध के कारण दृश्यता भी कम हो रही है। मंगलवार को सुबह और शाम को स्माग के साथ धुंध गहराई तो बुधवार को दिन भर स्मॉग देखने को मिला। स्मॉग की चादर के बीच सूर्य भी कम ही दिखाई दिया। दोपहर को 12 बजे के बाद चार बजे तक हल्की धूप नजर आई लेकिन इसके बाद फिर से धुंध छाने लगी और दृश्यता कम होने लगी। सुबह के समय धुंध में 20 मीटर दूर भी स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा था। वाहन लाइट ऑन कर के सड़कों पर कम गति से ही चलते दिखाई दिए।
नेशनल हाइवे पर कम लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों पर धुंध और स्मॉग ज्यादा नजर आया। मौसम में बदलाव से सांस की बीमारी, एलर्जी, सर्दी, खांसी, जुकाम, फीवर, हड्डियों में दर्द के मरीज बढ़ गए हैं। इस समय नागरिक अस्पताल में ओपीडी 1800 के आसपास हो रही है। इनमें प्रतिदिन एलर्जी के मरीज 50 से 60, वायरल बुखार के 200 से 250 के बीच पहुंच रहे हैं।
इसके अलावा अस्थमा के मरीज भी अस्पताल में जांच करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। जिन्हें चिकित्सकों द्वारा मास्क लगाने की सलाह दी जा रही है। पिछले दो दिनों से मौसम में स्मॉग छाए रहने के चलते अब सांस से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ गई है और 80 से 100 मरीज अस्पताल में उपचार करवाने के लिए पहुंच रहे हैं।
कुछ दिनों तक सुबह की सैर पर जाना बंद कर दें। अगर सैर पर जाना ही है तो धूप निकलने के बाद सैर पर निकलें। वर्कआउट जैसे उस कार्य को रोक दें, जिसमें तेजी से सांस लेना पड़े। गाड़ी में या घर में एसी को फेन मोड पर ही चलाएं। बाहर की हवा कमरे में आने से रोकने के उपाय करें और कमरे की खिड़कियों.दरवाजों को बंद रखें। गैस चूल्हा, अगरबत्ती, धूपबत्ती, मोमबत्ती के आसपास न बैठें।
मुंह पर मास्क लगाकर बाहर निकलें। सीधे हवा के संपर्क में आने से बचें। नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि इस समय हवा में जो प्रदूषण है, वो एलर्जी, सांस व छोटे बच्चों के लिए खतरनाक है। प्रदूषण बढ़ने से सांस, दमा, एलर्जी के मरीजों की परेशानियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में एलर्जी मरीजों को इस दौरान बाहर बेहद कम निकलना चाहिए। बाहर निकलते हुए मास्क का प्रयोग करना चाहिए।
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