सोनीपत में मानसून बीत जाने के बाद भी लगातार बारिश हो रही है। जिसके कारण सोनीपत के गांव महलाना में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। काफी क्षेत्रों में किसानों के अलग-अलग फसल पानी में डूब जाने के कारण खराब हो गई है। गांव महलाना के किसानों ने अपने खेतों में इकट्ठा हो गिरदावरी करवा मुआवजा की मांग की है। गांव में कपास की फसल में 2 फिट तक पानी भर जाने के कारण फसलों को 100% नुकसान हो गया है।
ग्रामीण किसानों की माने तो गांव में 100% फसल खराब हो गई है। गांव के करीब 25 से ज्यादा लोगों ने कपास की फसल उगाई थी। मेरा पानी मेरा विरासत को बढ़ावा देने के लिए गांव के लोगों ने धान की फसल छोड़कर कपास की फसल को उगाना शुरू किया था। लेकिन इस बार प्राकृतिक आपदा के रूप में बरसने वाली बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। जहां किसान एक अच्छी फसल की उम्मीद करके बैठा हुआ था। वही आवश्यकता से अधिक बारिश ने सभी किसानों की कपास की खेती को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। उन्होंने बताया कि गांव में करीबन 70 किले के आसपास कपास खराब हो गई है। बुधवार को सभी ग्रामीण इकट्ठा होकर जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचेंगे। जहां गिरदावरी अच्छे ढंग से हो पाए और किसानों को उनके नुकसान के मुताबिक पर्याप्त मुआवजा मिले। वही किसान ने यह आरोप लगाया है कि पिछली बार गिरदावरी में धांधललेबाजी सामने आई थी। निस्वार्थ और निष्पक्ष रुप से खेतों की गिरदावरी करने की मांग किसानों ने उठाई है। वही किसान ने बताया कि उसने 10 किल्ले में कपास की खेती उगाई थी। सभी में पानी भर जाने के कारण फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। वही किसान हरदीप ने बताया कि किराए की जमीन पर करीबन ₹35000 रुपए किराए के रूप में देते हैं। उस पर करीबन ₹20000 खर्च भी आता है। यानी कि 45 से 50 हजार रु तक का खर्च किसान को उठाना पड़ता है। लेकिन अब उनकी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। इसीलिए सरकार से 100 पर्सेंट खराब हुई फसल के लिए पूरे मुआवजे की मांग कर रहे हैं। वहीं किसान ने यह भी कहा कि सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक प्रत्येक किसान को ₹40000 का मुआवजा दिया जाए ताकि किसान को ज्यादा नुकसान ना देना पड़े। जिन किसानों के खेतों में नुकसान हुआ है, गांव के किसानों ने मिलकर लिस्ट भी तैयार की हुई है। वही किसान राजेश ने बताया है कि खेतों में दो-तीन फुट पानी भरा हुआ है। जिसके वजह से किसानों की सभी फसलें खराब हो चुकी हैं। सरकार से गिरदावरी में पारदर्शिता करवाने की मांग कर रहे हैं। प्रत्येक किसान को उसके खेत में हुए नुकसान की भरपाई का पूरा पैसा मिल सके।