India News (इंडिया न्यूज), UPSC Exam, चंडीगढ़ : बेटों की चाहत में जो मां-बाप अपनी बेटियों को गर्भ में ही मरवा देते हैं, ऐसे लोगों के मुंह पर तमाचा मारते हुए जींद जिले की कुदरत ने साबित कर दिया है कि बेटियां भी किसी काम में बेटों से पीछे नहीं हैं, अगर अच्छे संस्कार दिए जाएं तो वो भी अपने मां-बाप का नाम देश में रोशन कर सकती हैं।
जी हां, आपको बता दें कि जींद जिले के अशरफ गढ़ गांव की बेटी कुदरत को माता-पिता ने जब उच्च शिक्षा और कोचिंग के लिए गांव से दिल्ली भेजा तो काफी ग्रामीणों की यह धारणा थी कि बेटी को किसलिए अकेला इतना दूर भेज दिया। बेटी परिवार से अलग रहेगी तो पता नहीं क्या से क्या हो सकता है। लेकिन आज जब वह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर गांव लौटी तो ग्रामीणों की धारणा भी बदल गई। ग्रामीणों ने उसे सिर आंखों पर बैठा लिया। यह कहानी है जींद जिले के छोटे से गांव अशरफगढ़ (धौड़ी) के किसान निशान सिंह की बेटी कुदरत कौर की।
वहीं उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने अपने कार्यालय में कुदरत कौर को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्हें बधाई देते हुए कहा कि कुदरत कौर ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर अपने देश व प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस अवसर पर कुदरत कौर के अभिभावक व स्कूल की प्रधानाचार्य अनिता रानी विशेष रूप से उपस्थित रहे। उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने कुदरत को एक रोल मॉडल बताते हुए कहा कि कुदरत की सफलता स्वयं के साथ-साथ समस्त बालिकाओं की सफलता है जो कि निरंतर आगे बढऩे के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सभी अभिभावकों भी अपनी बेटियों को आगे बढऩे के लिए प्रेरित व जागरूक करना चाहिए।
गौरतलब है कि कुदरत कौर अशरफगढ़ गांव के निशान सिंह की पुत्री है। कुदरत कौर की इस उपलब्धि को लेकर उसके घर व स्कूल दोनों में खुशी का माहौल है। कुदरत की नर्सरी से लेकर बारहवीं तक की पढ़ाई महर्षि विद्या मंदिर स्कूल जींद में ही संपन्न हुई और उसने बारहवीं कक्षा में जिला जींद में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने माता-पिता, गुरुजन व अपने स्कूल का नाम रोशन किया था।
कुदरत ने अकेडमिक क्षेत्र में ही नहीं बल्कि खेल, नृत्य, भाषण जैसी हर प्रतियोगिता में बढ़चढ़ कर भाग लिया और सफलता भी प्राप्त की। प्रतियोगिता चाहे जिला जींद की हो या महर्षि संस्थान की हो कुदरत ने हर प्रतियोगिता में अपना प्रथम स्थान प्राप्त किया। स्कूल में उपस्थित छात्र, छात्राओं ने उनकी सफलता से संबंधित प्रश्न किए और अपनी जिज्ञासा को शांत किया। कुदरत कौर ने बच्चों को लक्ष्य निर्धारित करने व उसे पूर्ण करने का हौसला बनाए रखने के प्रति प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि चुनौतियों से लड़ कर अपने सपनों को साकार करने के लिए हम सपने देखेंगे तभी साकार कर पाएंगे। स्कूल प्राचार्य अनीता शर्मा ने कुदरत और उनके परिजनों को बधाई दी।
अब कुदरत ट्रेनिंग के लिए 28 मार्च को ही चेन्नई रवाना होंगी। उसके घर, गांव व उसके प्रारंभिक स्कूल महर्षि विद्या मंदिर जींद में कुदरत का स्कूल प्रबंधन ने भव्य स्वागत किया। वह 12वीं कक्षा में जिले में रही थी। प्रथम भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनीं कुदरत कौर की नर्सरी से लेकर बारहवीं तक की पढ़ाई महर्षि विद्या मंदिर स्कूल जींद में ही संपन्न हुई। उसने बारहवीं कक्षा में जिला जींद में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने माता-पिता, गुरुजन व अपने स्कूल का नाम रोशन किया था।
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