प्रदेश की बड़ी खबरें

Pro. Rajkumar Mittal : चौ. बंसी लाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल दे रहे ऑर्गेनिक फार्मिंग एवं किचन गार्डेनिग को अपनाने का संदेश

  • कुलपति ने अपने सरकारी आवास पर किचन गार्डेनिंग में ऑर्गेनिक पद्धति से उगाए अनेक प्रकार के फल एवं सब्जियां

पवन शर्मा, भिवानी/चंडीगढ़: प्राकृतिक खेती, आधुनिक रसायनिक जहरयुक्त खेती के दुष्प्रभावों का एक सम्भव समाधान है। ऑर्गेनिक खेती में रसायनों का प्रयोग किये बिना सफल एवं सतत तरीके से किसान जहर मुक्त खेती कर सकता है। इस तरह की खेती में उत्पादन लागत बहुत ही कम या शून्य के बराबर आती है, जिससे किसान अपनी आय को बढ़ाकर आर्थिक तौर पर समृद्ध बन सकता है। साथ ही समाज के अन्नदाता के रूप में स्वस्थ भोज्य पदार्थ उपलब्ध करवा कर ‘स्वस्थ भारत- समृद्ध परिवेश’ के सपने को भी साकार करने में अपनी भूमिका अदा कर सकता है। यह कहना है चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजकुमार मित्तल का।

उन्होंने अपने आवास पर ऑर्गेनिक पद्धति से तैयार किचन गार्डन को दिखाते हुए कहा कि हम अत्याधिक कृषि उत्पादन की होड़ में अत्यधिक एवं अंधाधुंध कीटनाशकों एवं रसायनों का प्रयोग कर रहे हैं जिनसे धरती विषैली होकर जहर उगल रही है इसी कारण कैंसर जैसे गंभीर रोग पनप रहे हैं। हमें भूमि सुपोषण को बढ़ावा देना चाहिए और इसका बस एक ही सर्वोत्तम उपाय है वो है प्राकृतिक एवं जैविक खेती।

Pro. Rajkumar Mittal

कई तरह के उगाए फूल और पौधे

उन्होंने अपने आवास पर किचन गार्डन में ऑर्गेनिक पद्धति से विभिन्न प्रकार के फल एवं सब्जियों में विशेष किस्म के टमाटर,चार प्रकार के बैंगन,चकुंदर, आलू, प्याज, कद्दू, लौकी, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, धनिया, पुदीना, पालक, ब्रोकली, फूल गोभी, पत्ता गोभी, भिंडी, ककड़ी, खीरा, पेठा, नींबू, मौसमी, किन्नू, बेलगिरी, आड़ू, चिक्कू, पपीता, हल्दी, इलायची सहित विभिन्न प्रकार के फूल एवं औषधीय पौधे उगाए हैं।

ऑर्गेनिक फार्मिंग से उगा सकेंगे फल-सब्जी

उन्होंने बताया कि हम थोड़ी सी भी जमीन का सदुपयोग कर सकते हैं और इसमें ऑर्गेनिक फार्मिंग से हम अपने लिए पर्याप्त मात्रा में शुद्ध फल एवं सब्जी उगा सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।इससे हम जहां एक तरफ बीमारियों से बचेंगे वहीं दूसरी तरफ हमारे स्वास्थ्य एवं फल तथा सब्जियों पर होने वाले अनावश्यक खर्च की बचत भी होगी। उन्होनें कहा की आज यह एक गंभीर चिंतन का विषय है कि जमीन की उपलब्धता के बावजूद भी किसान अपने स्वयं के लिए भी फल एवं सब्जियां मंडी से खरीद कर लाता है जोकि रसायनों के प्रयोग से उगाई होती हैं। किसानों को अधिक से अधिक इस ऑर्गेनिक फार्मिंग एवं किचन गार्डेनिंग को अपनाना चाहिए।इससे देश का किसान समृद्ध होगा और उसकी आय भी बढ़ेगी और स्वास्थ्य भी बेहतर होगा ।इससे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के समृद्ध किसान समृद्ध भारत का स्वप्न साकार होगा।

कुलपति प्रो मित्तल ने बताया कि प्रोफेसर राजकुमार मित्तल स्वयं प्रीतिदिन अपने गार्डन में समय निकालकर माली सतीश कुमार के साथ काम करते हैं।उन्होंने अपने गार्डन में गोबर एवं पेड़ों के पत्तो की देशी खाद प्रयोग की है।उनका मानना है कि किचन गार्डेनिंग से दिनभर की भागदौड़ तथा ऑफिस कार्य की थकान एवं तनाव से मुक्ति मिलती है और विशेष आनंद की अनुभूति होती है।गौरतलब होगा कि उनकी इस सकारात्मक एवं रचनात्मक पहल का अनेक लोग अनुसरण कर रहे हैं और इस मुहिम के सार्थक परिणाम स्पष्ट नजर आ रहे हैं।

यह भी पढ़ें : Parivartan Padyatra Aapke Dwar : अभय चौटाला बोले-राम राम के साथ कहो परिवर्तन करो-परिवर्तन करो

Amit Sood

Share
Published by
Amit Sood

Recent Posts

Haryana के कई जिलों में मंगलवार से खुलेंगे सभी स्कूल, जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana : हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के…

5 hours ago

Murder Case : हत्या के आरोपियों को अदालत में पेश कर लिया 3 दिन के रिमांड पर

चुलकाना रोड पर चाकू से वार कर की थी हत्या India News Haryana (इंडिया न्यूज),…

6 hours ago

Fire In Shop : दुकान में लगी भीषण आग, सामान जलकर राख के ढेर में तब्दील

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Fire In Shop : पानीपत जिले के समालखा क्षेत्र में देर…

6 hours ago