कुलदीप सिंह, जींद:
Viral Hepatitis Symptoms: हेपेटाइटिस (काला पीलिया) की जद में जींद के लोग आ रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग को साढ़े तीन साल में 49 हजार हेपेटाइटिस सी के मरीज मिले हैं। प्रति वर्ष करीब 17 हजार हेपेटाइटिस सी मरीजों की हो रही पहचान हो रही है।
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ऐसे में जिला के लोगों को हेपेटाइटिस (काला पीलिया) टैस्ट की सुविधा अब जींद में ही उपलब्ध होगी। इसके लिए उचाना के नागरिक अस्पताल में बनाई गई कोरोना लैब में ही टेस्ट की सुविधा शुरू की गई है। हालांकि पहले केवल हेपेटाइटिस बी के मरीजों के टेस्ट होंगे। जैसे ही बी श्रेणी के टेस्ट की सुविधा पटरी पर आ जाएगी उसके बाद हेपेटाइटिस सी के टेस्ट भी शुरू हो जाएंगे। ऐसे में लोगों को काला पीलिया जांच के लिए अस्पताल से बाहर नहीं जाना होगा।
जिले में हेपेटाइटिस के फैलने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तीन साल में अबतक 49 हजार हेपेटाइटिस सी के मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें से छह माह का इलाज लेकर मरीज स्वस्थ हो रहे हैं। फिलहाल हेपेटाइटिस सी के 1800 से ज्यादा सक्रिय केस हैं और उनका इलाज चल रहा है।
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इस समय जिले में हेपेटाइटिस (काला पीलिया) टैस्ट की सुविधा नहीं है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने कूपन सुविधा शुरू की गई थी और उसके माध्यम से निजी लैब के माध्यम से टेस्ट करवाए जा रहे थे। इसके कारण स्वास्थ्य विभाग को निजी लैब को करीब छह हजार रुपये प्रति टेस्ट का भुगतान करना पड़ता था लेकिन उचाना लैब में टेस्ट शुरू होने के बाद इसकी लागत आधी रह गई है।
निजी लैब में सैंपल लेने के बाद उसको जांच के लिए गुरुग्राम या दिल्ली भेजा था। जहां पर मरीज को रिपोर्ट आने के लिए आठ से दस दिन का इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब मरीजों को 24 घंटे में ही रिपोर्ट मिल सकेगी। हेपेटाइटिस के मरीजों का सप्ताह में सोमवार व बुधवार को चेकअप किया जाता है और फिजिशियन के चेकअप के बाद उनका टेस्ट करवा जा रहा है।
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काला पीलिया के अधिक मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने चार अप्रैल 2018 को नागरिक अस्पताल में हेपेटाइटिस सी की मुफ्त इलाज की सुविधा शुरू की थी। उसके बाद से प्रति वर्ष करीब 17 हजार हेपेटाइटिस सी के मरीजों की पहचान हो रही है।
इसके अलावा पहले हेपेटाइटिस बी की इलाज की सुविधा नागरिक अस्पताल में नहीं थी और मरीजों को इलाज के लिए पीजीआईएमएस रोहतक भेजा जाता था। पिछले साल स्वास्थ्य विभाग ने नागरिक अस्पताल में ही सुविधा दे दी। उसके बाद से अब तक चार हजार हेपेटाइटिस बी के मरीज सामने आ चुके है और उनका इलाज चल रहा है।
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नागरिक अस्पताल के डिप्टी सिविल सर्जन एवं उचाना लैब इंचार्ज डा. जेके मान ने बताया कि हेपेटाइटिस सी व बी के टेस्टों की जांच की सुविधा शुरू हो गई है। लैब में मशीन को इंस्टाल कर दिया गया है। इसमें एक प्लेट में 90 सैंपलों की जांच हो सकेगी। हेपेटाइटिस के नोडल अधिकारी को लैब में सैंपल भेजने के लिए बोल दिया गया है और सैंपल मिलते ही टेस्ट शुरू हो जाएंगे। टेस्ट की सुविधा शुरू होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की प्रति माह लाखों रुपये की बचत होगी।
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