डॉ रविंद्र मलिक, चंडीगढ़:
Voluntary Retirement: हरियाणा कैडर के 1998 बैच की महिला आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी एवं वर्तमान में अम्बाला पुलिस रेंज की आईजी (इंस्पेक्टर-जनरल-पुलिस महानिरीक्षक) और आईजीपी/महिला सुरक्षा के पद संभाल रही भारती अरोड़ा, को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वोलंटरी रिटायरमेंट) को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अनुमति दे दी है। भारती अरोड़ा ने इसको लेकर पहले भी प्रदेश सरकार से लिखकर अनुरोध किया था और इस बार प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने आगामी कार्यवाही हेतु मुख्यमंत्री को पत्र भेज दिया था।
उस पर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने स्वीकृति प्रदान कर दी है एवं इसी माह के अंत में वह आईपीएस से सेवानिवृत्त हो जाएंगी। ज्ञात रहे कि जब इसी वर्ष जुलाई माह में भारती अरोड़ा ने सर्वप्रथम आईपीएस से शीघ्र सेवानिवृत्ति का आवेदन किया था और तब गृह मंत्री विज द्वारा उन्हें एक काबिल और ईमानदार पुलिस अधिकारी बताते हुए उनसे समयपूर्व रिटायरमेंट लेने के निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा गया था।
इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और एक्सपर्ट हेमंत कुमार ने बताया कि आज 26 नवंबर 2021 की तारिख को भारती अरोड़ा की आयु 50 वर्ष 8 महीने और 6 दिन है। एक आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) या आईएफएस (भारतीय वन सेवा) या आईपीएस अधिकारी अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु एवं सेवानिवृति लाभ) नियम, 1958 के मोजूदा नियम 16(2) अथवा नियम 16(2 ए) के अंतर्गत सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति ले सकता है।
नियम 16 (2) अनुसार उक्त सेवा का अधिकारी 30 वर्ष की क्वालीफाइंग सेवा पूर्ण करने के उपरान्त अथवा 50 वर्ष की आयु पार करने के बाद की किसी भी तारिख से अपनी सम्बंधित राज्य सरकार को तीन महीने का नोटिस देकर सेवा से समयपूर्व रिटायरमेंट के लिए आवेदन कर सकता है। हालांकि बीती जुलाई माह में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन करते समय भारती अरोड़ा ने उपरोक्त 3 माह के आवश्यक नोटिस अवधि से छूट प्रदान करने की प्रार्थना भी की थी।
इसी प्रकार नियम 16(2 ए) में उपरोक्त सेवा का अधिकारी 20 वर्ष की क्वालीफाइंग सेवा पूर्ण होने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले सकता है। हालांकि इस नियम में अगर इस सम्बन्ध में आवेदन करने वाले अधिकारी की अधिक सेवा शेष हो, तो केंद्र सरकार की स्वीकृति आवश्यक होती है। अगर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति चाहने वाला अधिकारी निलंबित चल रहा है तो भी केंद्र सरकार की स्वीकृति से ही वह अधिकारी रिटायर किया जा सकेगा।
इसके अलावा अगर सम्बंधित राज्य सरकार चाहे, तो वह इस तीन माह के नोटिस अवधि में ढील या छूट भी दे सकती है। हालांकि भारती की 30 वर्ष की सेवा तो वर्ष 2028 में पूरी होनी थी क्योंकि वह सितम्बर, 1998 में आईपीएस में नियुक्त हुई थी, चूंकि वह 50 वर्ष की आयु की शर्त पूरी करती हैं, इसलिए उक्त नियम 16 (2) में वह स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने के लिए योग्य हैं।
करीब 6 माह पूर्व ही भारती अरोड़ा को अम्बाला आईजी के पद पर तैनात किया गया था जिससे पूर्व वह करनाल रेंज की आईजी थी। कुछ समय पूर्व उन्हें प्रदेश की आईजीपी/महिला सुरक्षा का भी अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था। उनके पति विकास अरोड़ा, जो उन्ही के ही 1998 बैच के हरियाणा कैडर के आईपीएस हैं, इस समय फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर हैं। विकास अरोड़ा हालांकि अपनी पत्नी भारती अरोड़ा से आयु में साढ़े तीन वर्ष छोटे हैं।
बता दें कि बारह वर्ष पूर्व नवंबर, 2009 में हुड्डा सरकार के दौरान विज, तो तब अंबाला कैंट से चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए तब उनके एक समर्थक कार्यकर्ता से पुलिस ज्यादती का विरोध करते हुए धरना प्रदर्शन किया गया था जिसमें मुख्य सड़क मार्ग को रोका गया एवं पुलिसवालों को ड्यूटी करने से भी अवरुद्ध किया गया, तब विज एवं उनके समर्थकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई जिस कारण उन्हें और उनके 6 सहयोगियों को एक दिन के लिए जेल भी जाना पड़ा था।
उस समय अंबाला की एसपी भारती अरोड़ा ही थीं एवं उन्होंने ही विज की गिरफ्तारी के लिए कहा था. हालांकि विज एवं उनके समर्थकों ने स्वयं पुलिस स्टेशन जाकर आत्मसमर्पण किया था। एक दिन जेल में रहने के बाद अगले ही दिन उन सबकी अदालत से जमानत हो गई थी।
अक्तूबर, 2014 में जब हरियाणा में पहली बार अपने दम पर भाजपा सरकार बनी जिसमें विज स्वास्थ्य और खेल मंत्री बने, तो उसके अगले वर्ष 2015 में भारती अरोड़ा को स्पोर्ट्स (खेल) स्कूल, राई (सोनीपत) की प्रिसिंपल के पद पर तैनात किया गया था जिस पर काफी बवाल भी मचा था चूंकि यह पद आईपीएस कैडर का नहीं था. हालांकि इसके बाद भारती को 2016 में गौतस्करी पर नकेल कसने की और 2020 में कबूतरबाजी के मामलों के लिए गठित एक वेआईटी का प्रमुख भी बनाया गया।
वर्ष 2015 में गुडगांव पुलिस में जॉइंट कमिश्नर तैनात भारती का तत्कालीन पुलिस कमिश्नर नवदीप सिंह विर्क के साथ विवाद भी हुआ था। हरियाणा में 1998 बैच आईपीएस में भारती और विकास के अलावा सौरभ सिंह, हरदीप सिंह दून और राजेंद्र कुमार तीन अन्य आईपीएस हैं। जबकि योगेंद्र नेहरा इस वर्ष फरवरी, 2021 में रिटायर हो चुके है। 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी आज से दो वर्ष बाद 2023 में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) रैंक में प्रमोट होंगे।