India News Haryana (इंडिया न्यूज़), Yamunanagr News : यमुनानगर में सोम नदी का तटबंध जहां मलिकपुर बांगर में लगभग 300 फुट टूट गया, वहीं एक हिस्से में कुछ लोगों ने नहर की पटरी को तोड़ दिया। जिसके चलते आधा दर्जन गांव पानी की चपेट में आ गए। जल सेवाएं मंडल के एसडीओ की शिकायत पर बिलासपुर पुलिस ने लगभग एक दर्जन लोगों के खिलाफ पटरी तोड़ने को लेकर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।
लोगों के पटरी तोड़ते हुए वीडियो भी रिकॉर्ड किए गए हैं। इलाके के लोगों का कहना है कि स्थानीय लोगों ने पटरी तोड़ी है, जिसके बाद पानी दूसरी तरफ चला गया। इससे काफी ज्यादा नुकसान हुआ, लगभग 25 गांव डूब गए। चिंतपुर में खेतों में गए 34 वर्षीय किसान सतपाल डूब गया। एनडीआरएफ की टीम ने शव बरामद कर लिया है। घरों में पानी भरने से सामान खराब हो गया है। फसलें बर्बाद हो गई हैं। साढौरा कस्बे में पांच फीट पानी जमा है।
पुलिस ने रेस्क्यू अभियान भी चलाया। प्रशासन की मदद नहीं मिलने से लोग नाराज है। सोम नदी का तटबंध टूटने से आसपास के गांव ज्यादा प्रभावित हुए हैं। खंड साढौरा में 80 एमएम वर्षा दर्ज की गई। कई हजार एकड़ फसलों में बाढ़ का पानी जमा है। प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि जहां पर तटबंध बनाने की आवश्यकता होती है।
वहां पर सिंचाई विभाग के अधिकारी तटबंध नहीं बनाते। जहां पर आवश्यकता नहीं हैं वहां पर तटबंध बना दिए गए हैं। इस कारण दिक्कत आ रही है। बाढ़ बचाओ के कार्य भी सिंचाई विभाग के द्वारा अभी तक पूरे नहीं किए गए। मलिकपुर बांगर, रूकाली, बसातियावालां समेत कई गांवों के किसान लंबे समय से सोम नदी पर बने अवैध तटबंध को हटाने की मांग कर रहे हैं। यह मामला कष्ट निवारण समिति की बैठक तक पहुंच गया, लेकिन अधिकारियों ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया।
मलिकपुर बांगर में लोगों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे एसडीम बिलासपुर देवेंद्र शर्मा ने लोगों को समझा कर जाम खुलवाया। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि टूटे बांध की तुरंत मरम्मत शुरू की जाए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मशीनरी आ चुकी है, जल्द ही मरम्मत का काम शुरू होगा।
सारे दावे फेल
वहीं सिंचाई विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर आर एस मित्तल ने बताया कि हिमाचल में हुई वर्षा से 10000 क्यूसेक क्षमता वाली सोम नदी में 24000 क्यूसेक पानी आ गया। जिसके चलते एक जगह 300 फुट का कटाव हुआ। इसी के चलते कुछ गांव में पानी चला गया। आबादी में भी गया, जिन्हें पंप की सहायता से निकाला जा रहा है।
उन्होंने बताया कि साढौरा में नकटी नदी में भी पानी आ गया वहां भी पंप लगाकर लोगों के घरों से पानी निकाला जा रहा है। पहाड़ी इलाकों में हुई वर्षा का खामियाजा मैदानी इलाकों में यमुनानगर जिले को उठाना पड़ता है। सिंचाई विभाग ने कई तरह के दावे किए थे, लेकिन उसके बावजूद पानी ज्यादा आने से वह सारे दावे फेल साबित हुए। और पानी गांव में और आबादी में जा घुसा जिससे भारी नुकसान हुआ।
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