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…क्या कहा गुरनाम सिंह चढूनी ने MSP पर जानिए
…क्या कहा गुरनाम सिंह चढूनी ने MSP पर जानिए
करनाल/महेंद्र सिंह
किसान आंदोलन को मजबूती देने के लिए लगातार किसानों का काफिला दिल्ली की तरफ बढ़ रहा है। आज यमुनानगर से निकले काफिला का करनाल ने स्वागत किया गया। गुरनाम सिंह चढूनी ने नरेंद्र तोमर के आज जारी लिखित बयान पर निशाना साधा है उन्होंने कहा कि 11 दौर की बातचीत में एक बार भी सरकार इन कृषि कानूनों का फायदा नहीं बता पाई, वहीं उन्होंने कहा कि MSP तय करने में और फसल तय रेट में खरीदने में अंतर है।
किसान आंदोलन कब खत्म होगा ये किसी को नहीं मालूम लेकिन अब ज़िले स्तर से लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसान सरकार को हर मुद्दे पर घेरने लगे हैं। संयुक्त मोर्चा से एक हफ्ते के लिए सस्पेन्ड किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में यमुनानगर से आज किसानों का काफिला दिल्ली की तरफ रवाना हुआ और करनाल में उनका स्वागत देखने को मिला। गुरनाम सिंह चढूनी ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर की तरफ से जारी लिखित बयान पर निशाना साधा है कि चढूनी ने कहा कि उन्होंने कहा कि 11 दौर की बातचीत में एक बार भी सरकार इन कृषि कानूनों का फायदा नहीं बता पाई है, अगर कोई फायदा है तो मीडिया के माध्यम से बताएं , साथ ही उन्होंने उस बयान का भी जवाब दिया जिसमें नरेंद्र तोमर ने कहा कि 22 फसलों का MSP सुनिश्चित किया गया है, चढूनी ने कहा कि MSP तय करने में और फसल तय रेट में खरीदने में अंतर है। गुरनाम सिंह चढूनी ने उस बात का भी जवाब दिया कि उन्हें संयुक्त मोर्चा से एक हफ्ते के लिए सस्पेन्ड किया हुआ है, चढूनी ने कहा कि एक बार मुझे पत्नी ने भी सस्पेन्ड कर दिया था, आठवें दिन वो मनाने आ गई थी। वहीं किसान नेता गुनी प्रकाश से जुड़े सवाल पर गुरनाम सिंह चढूनी ने हाथ जोड़ लिए और कहा कि इसके बारे में मुझसे कुछ ना पूछो, पहले भी गुनी प्रकाश अपने गांव में कई बार पिट गया है एक बार और पिट जाएगा।
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हमारी ये अंदरूनी बातें ये मीडिया के सामने नहीं आनी चाहिए , ये विचारधारा का फर्क है , मेरी विचारधारा है कि मिशन पंजाब होना चाहिए , उनकी विचारधारा है मिशन उत्तरप्रदेश, उत्तरप्रदेश में बीजेपी को हराने के लिए अभियान चलाया आज रहा है, उन्होंने कहा कि अगर ये कानून वापिस भी हो जाएं तो किसानों के डेथ वारंट वापिस हो जाएंगे पर किसान वेंटिलेटर पर ही रहेगा। अगर किसान को वेंटिलेटर से उतारना है तो फिर उन सभी कानूनों को वापिस करना होगा जिससे खेती कमजोर हो रही है और कॉरपोरेट ऊपर जा रहा है।
सिरसा में जो किसानो को छुड़वाने के लिए जो भूख हड़ताल पर बलदेव सिरसा बैठे हैं उस पर गुरनाम ने कहा कि 550 किसान मर गए पर इन सरकार के कान तक नहीं खुले, भूख हड़ताल से कुछ नहीं होने वाला, लड़ने की जररूत है, घेरने की ज़रूरत है , नाक में दम करने की ज़रूरत है। वहीं संसद में चल रहे मॉनसून सत्र पर गुरनाम ने कहा कि सत्र में कोई बातचीत नहीं होगी, सब दोगेले लोग हैं , ऐसे ही आंदोलन चलेगा , मॉनसून सत्र में भी कोई बात नहीं होने वाली। वहीं सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम किसानों को मारना है तो मार दें , रोज रोज मारने से अच्छा है एक बार मार दें। इन कानूनों से हम तड़प तड़प के मरेंगे इससे अच्छा है कि हमें गोली मार दी जाए।
बहराल संयुक्त किसान मोर्चा से गुरनाम सस्पेन्ड हैं पर काफिले के ज़रिए अपनी ताकत किसान मोर्चा को दिखाने में जुटे हुए हैं , देखना ये होगा कि क्या फिर से गुरनाम को संयुक्त किसान मोर्चा में लिया जाता है या वो पिछली तरफ से अपनी गतिविधियों को जारी रखते हैं।
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